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मणिपुर में फिर हालात बेकाबू, प्रदर्शनकारियों ने फूंका सरकारी दफ्तर

सुरक्षाबलों पर भी किया हमला

इंफाल (मणिपुर) - मणिपुर से लगातार हिंसक घटनाओं की खबरें आ रही हैं। मैतई समुदाय के लोग सुरक्षाबलों के साथ भिड़ंत में शामिल रहे और इस दौरान उन्होंने सरकारी भवनों में भी आग लगा दी। पुलिस के मुताबिक इस हिंसा का मुख्य कारण मैतई समुदाय के एक नेता और तीन अन्य लोगों की कथित गिरफ्तारी को बताया जा रहा है।

सुरक्षाबलों पर किया हमला

सोमवार को मणिपुर के कई इलाकों में पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच अचानक संघर्ष शुरू हो गया। इंफाल पश्चिम के क्वाकेइथेल और सिंगजामेई क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलानी पड़ीं।

सरकारी दफ्तर में लगाई आग

प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पूर्व जिले के सब डिविजनल कलेक्टर (SDC) के कार्यालय में आग लगा दी, जिससे इमारत को भारी नुकसान पहुंचा और कई महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज जलकर राख हो गए। पुलिस ने घटनास्थल पर शामिल आरोपियों की खोज शुरू कर दी है और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं

इंफाल ईस्ट के वांगखेई, याइरीपोक और खुराई जैसे इलाकों में आगजनी की घटनाएं देखने को मिलीं हैं। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रकट किया है। पुलिस के अनुसार, कई इलाकों में परिस्थितियां और भी ज्यादा खराब हो गई हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई सड़कों पर बांस लगाकर रास्ते जाम कर दिए हैं। खासकर इंफाल एअरपोर्ट की तरफ जाने वाली टिड्डिम रोड को भी बंद कर दिया गया था, जिसे सुरक्षाबलों ने खाली करवाया।

5 जिलों में बंद की गई थी इंटरनेट सेवा

प्रदर्शन में कई महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने खुरई में टॉर्चलाइट मार्च निकाला और राज्य में नई सरकार गठन की मांग की। यह ध्यान देने वाली बात है कि वर्तमान में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। इसके अलावा, हाल ही में प्रशासन ने मणिपुर के पांच जिलों में इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया था।

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