सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने पूर्व में दावा किया था कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से राज्य में एसआईआर से जुड़ी कम से कम 11 मौतें हुई हैं - जिनमें से सात आत्महत्या हैं। एक और मौत का मामला सामने आया है। जिसमें दावा किया गया है कि मतदाता सूची में बेटी का नाम नहीं होने के कारण वृद्ध ने आत्महत्या कर ली है। यह मामला उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले की है। शुक्रवार को 60 वर्षीय एक व्यक्ति का शव फंदे से लटका हुआ मिला। वह अपनी बेटी का नाम मतदाता सूची में न होने से कथित तौर पर चिंतित था। पुलिस ने यह जानकारी दी। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि संबंधित व्यक्ति की मौत राज्य में मतदाता सूची के जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े डर के कारण लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने का एक और उदाहरण है। तृणमूल ने एसआईआर के द्वारा भाजपा पर लोगों को भयभीत करने का आरोप लगाया है। तृणमूल ने लोगों से कहा है कि एसआईआर को लेकर डरे नहीं।
क्या कहना है परिजनों का
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजगंज क्षेत्र के भुवन चंद्र रॉय बृहस्पतिवार रात लापता हो गए थे और सुबह वह फंदे से लटके मिले। अधिकारी ने कहा कि परिजनों ने पुलिस को बताया कि रॉय मतदाता सूची में अपनी बेटी का नाम न होने के कारण मानसिक तनाव में थे। उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है। पार्टी ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘साठ वर्षीय भुवन चंद्र रॉय सुबह एक पेड़ से लटके पाए गए। वह इस बात से निराश थे कि उनकी बेटी को गणना फॉर्म ही नहीं मिला। यह उस प्रक्रिया की मानवीय कीमत है जिसे जल्दबाज़ी में, राजनीतिकरण करके और बुनियादी सुरक्षा उपायों के बिना लागू किया गया।’ विधायक खगेश्वर रॉय ने मृतक के घर का दौरा किया और कहा कि एसआईआर से संबंधित इसी तरह की मौतें अन्य जगहों पर भी हुई हैं।