सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एसआईआर के काम के दौरान एक बीएसओ अनिमेष नंदी बीमार पड़ गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार का आरोप है कि कार्यों को लेकर दबाव में रह रहे थे। बीएलओ की पत्नी ने बताया किउनकी हालत फिलहाल स्थिर है। पेशे से स्कूल शिक्षक नंदी तब बीमार हुए जब वह उत्तर कोलकाता के बेलेघाटा इलाके में पर्यवेक्षक के साथ एक बैठक में भाग ले रहे थे। इस घटना के बाद बीएलओ के कार्यभार को लेकर बहस छिड़ गई। बीएलओ के एक संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें अब फॉर्म की डिजिटलीकरण और डेटा अपलोड करने जैसे अतिरिक्त काम सौंप दिए गए हैं, जबकि शुरू में उनसे केवल फॉर्म वितरित करने, मतदाताओं को प्रक्रिया समझाने, दस्तावेज इकट्ठा करने और चार दिसंबर तक जमा कराने को ही कहा गया था। ‘बीएलओ यूनिटी मंच’ के प्रवक्ता स्वप्न मंडल ने कहा, ‘एसआईआर के साथ-साथ स्कूल की जिम्मेदारियां भी उन पर भारी पड़ रही हैं। हम डेटा एंट्री ऑपरेटरों की तत्काल भर्ती की मांग करते हैं।’
निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने कहा
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि आयोग इस संबंध में मीडिया की खबरों की समीक्षा कर रहा है और कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। अधिकारी ने बताया कि हमने बीएलओ को इस काम में मदद करने के लिए हरसंभव कदम उठाए हैं और चार नवंबर से उनकी सहायता से पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है।
क्यों बढ़ा है विवाद
इस घटना से राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया। तृणमूल के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग जबरन एसआईआर प्रक्रिया अपना रहा है और कई बीएलओ असुविधा झेल रहे हैं।भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रही है। माकपा के केंद्रीय समिति सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने दावा किया, निर्वाचन आयोग पूरी तरह से किसी भरोसेमंद प्रक्रिया को लागू करने के लिए तैयार नहीं है; वे हर दिन नए परिपत्र जारी कर रहे हैं।