नई दिल्लीः बिहार के सनसनी बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे देखते हुए उन्हें भारतीय सीनियर टीम में जल्द खेलते हुए क्रिकेट जगत देख सकता है। दरअसल भारत के पूर्व सीनियर क्रिकेटर के श्रीकांत अब सूर्यवंशी के समर्थन में उतर आये हैं और बीसीसीआई से मांग की है कि इस असाधारण प्रतिभा को टीम में शामिल करने के लिए और ज्यादा इंतजार नहीं कराया जाए।
दरअसल दो दिन पहले विजय हजारे ट्रॉफी के मैच में वैभव सूर्यवंशी ने घातक बल्लेबाजी करते हुए मात्र 84 गेंदों में 190 रन ठोक दिया था। मात्र 36 गेंदों में ही उसने अपना शतक पूरा कर लिया जो भारत में सबसे तेज दूसरा शतक है। वैभव के इस प्रदर्शन ने एकबार फिर से उनकी तरफ सभी का ध्यान गया।
विश्व कप टी 20 में शामिल करना चाहिए
वैभव अभी 14 वर्ष के ही हैं और कुछ दिनों के बाद15 साल के हो जाएंगे। सचिन तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना करियर शुरू किया था। तो वैभव सूर्यवंशी क्यों नहीं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकते हैं जबकि वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही तर्क देते हुए श्रीकांत अपने यूट्यूब चैनल में कहते हैं- वैभव हर जगह सेंचुरी बना रहा है, चाहे वह IPL हो, U19 हो, कहीं भी हो। आप कह सकते हैं कि यह अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ है, लेकिन वह एक अलग कहानी है। यह लड़का सभी तरह के मैचों में सबको धो रहा है। मैंने पिछले साल भी कहा था कि उन्हें T20 वर्ल्ड कप के लिए जल्दी टीम में शामिल करना चाहिए। शायद अब इसके लिए बहुत देर हो गई है, लेकिन उन्हें फिर भी उसे टीम में जल्दी शामिल करना चाहिए। इस लड़के में जबरदस्त प्रतिभा है। उसे जल्दी से जल्दी इंडियन टीम में लाना चाहिए।"
सचिन से तुलना करने से नहीं झिझके
श्रीकांत इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि सूर्यवंशी को और आजमाना चाहिए। उसे और परिपक्व होने देने चाहिए। वह सूर्यवंशी को लेकर सब्र रखने की बातों को खारिज करते हुए कहते हैं कि असाधारण टैलेंट को जल्दी सपोर्ट मिलना चाहिए। लोग कहते हैं कि उसे कुछ और समय खेलने दो, उसे यह करने दो, उसे वह करने दो। सचिन भी इतनी कम उम्र में खेले थे। बेशक, उन्होंने सभी लेवल पर शतक बनाने के बाद भारत के लिए खेला, लेकिन यही चीज इस लड़के के लिए व्हाइट-बॉल क्रिकेट में भी की जा सकती है।
श्रीकांत वैभव की प्रतिभा के दीवाना बने
श्रीकांत वैभव की खेल प्रतिभा के कायल हो गये हैं। वह कहते हैं कि वैभव में एक दुर्लभ धैर्य, टेकनिक और जीतने की भूख है जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। तेंदुलकर की तरह, जिन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया था, वैभव ने भी बड़े खिलाड़ियों पर हावी होने, ऊंचे लेवल पर जल्दी ढलने और दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने की काबिलियत दिखाई है, जिससे सिलेक्टर्स से यह अपील की जा रही है कि वे इंतज़ार करने के बजाय उनके टैलेंट को जल्दी सपोर्ट करें।
आईपीएल में दूसरा सबसे तेज शतक
पिछले साल आईपीएल में अपने पहले ही मैच के पहली गेंद को ही वैभव सूर्यवंशी ने छक्का मार दिया था जिससे उसकी तरफ लोगों का ध्यान गया। उसी साल उसने ताबड़तोड़ सेंचुरी मार दी आईपीएल का दूसरा सबसे तेज शतक था। किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक था। दो दिन पहले सूर्यवंशी जो 190 रन बनाये, उसमें उनका 150 रन का विश्व रिकॉर्ड है जो सबसे तेज बनाया गया है। लिस्ट ए के सबसे युवा शतकवीर भी वह बने थे।