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'बोलीं- हमें शर्म आती है कि...' महबूबा मुफ्ती उतरी सड़को पर

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम कश्मीरी इस घटना से शर्मिंदा हैं

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक विरोध मार्च निकाला। यह हमला मंगलवार को हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

महबूबा मुफ्ती और पीडीपी कार्यकर्ता श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर पार्क के पास पार्टी मुख्यालय में एकत्र हुए और वहीं से विरोध मार्च की शुरुआत की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। तख्तियों पर लिखा था – "यह हमला हम सभी पर है", "निर्दोषों की हत्या एक आतंकवादी कृत्य है", और "निर्दोषों की हत्या बंद करो"।

'हमें शर्म आती है कि यह घटना कश्मीर में हुई'

महबूबा मुफ्ती ने विरोध मार्च के दौरान कहा कि यह हमला केवल आम लोगों पर नहीं, बल्कि हमारी कश्मीरियत और हमारी पहचान पर भी हमला था। उन्होंने कहा कि कश्मीरी इस भयावह घटना को लेकर शर्मिंदा हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की कि हमलावरों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात पर अफसोस है कि ऐसी घटना कश्मीर की ज़मीन पर हुई और वे पीड़ितों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ी हैं।

यह विरोध मार्च श्रीनगर के मशहूर लाल चौक पर जाकर समाप्त हुआ। बता दें कि मंगलवार की दोपहर आतंकियों ने बैसरन पर्यटन स्थल पर अंधाधुंध फायरिंग कर पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 26 लोगों की जान चली गई। यह हमला हाल के वर्षों में घाटी में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए सबसे खतरनाक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है।

इल्तिजा मुफ्ती ने क्या कहा ?

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि वह गृह मंत्री से अपील करती हैं कि इस घटना की गंभीर जांच कराई जाए ताकि यह सामने आ सके कि इसके पीछे कौन लोग थे और उनका मकसद क्या था। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। इल्तिजा ने जोर देकर कहा कि वे पिछले छह वर्षों से कहती आ रही हैं कि कश्मीर की स्थिति सामान्य नहीं है। यह हमला केवल पर्यटकों पर नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक और कश्मीरियत की आत्मा पर किया गया हमला है।

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