निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बनगांव : उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर स्थित मतुआ समुदाय के सबसे पवित्र स्थल 'ठाकुरबाड़ी' को लेकर एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शांतनु ठाकुर ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के प्रस्तावित दौरे पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। शांतनु ठाकुर ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अभिषेक बनर्जी भारी पुलिस बल और सुरक्षा घेरे के साथ ठाकुरबाड़ी आते हैं, तो उन्हें पूजा-अर्चना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, अभिषेक बनर्जी 9 जनवरी को ठाकुरनगर जाने वाले हैं। वहां मतुआ ठाकुरबाड़ी में दर्शन और पूजा करने से पहले वे ताहेरपुर में एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे। अभिषेक के इस दौरे को लेकर मतुआ बाहुल्य क्षेत्रों में तृणमूल अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है, लेकिन शांतनु ठाकुर के बयान ने इस दौरे से पहले तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
मतुआ समुदाय के प्रमुख नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए इस दौरे को एक संभावित "शक्ति प्रदर्शन" करार दिया। उन्होंने कहा, "ठाकुरबाड़ी श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है, न कि राजनीतिक दिखावे का। अगर अभिषेक बनर्जी पुलिस बल के पीछे छिपकर और अपना शक्ति प्रदर्शन करने के इरादे से यहां आते हैं, तो मैं उन्हें किसी भी कीमत पर मंदिर के भीतर कदम नहीं रखने दूंगा और न ही पूजा करने दूंगा।"
शांतनु ठाकुर ने आगे कहा कि उनका यह संदेश बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तृणमूल नेता ने पुलिसिया सुरक्षा का सहारा लेकर ठाकुरबाड़ी की गरिमा को प्रभावित करने की कोशिश की, तो हजारों की संख्या में मतुआ श्रद्धालु वहां एकत्रित होंगे और उनके खिलाफ विरोध मार्च निकालेंगे।
मतुआ समुदाय के राजनीतिक भविष्य और तृणमूल के रुख पर प्रहार करते हुए शांतनु ठाकुर ने दावा किया कि उनके समुदाय को टीएमसी के साथ की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, "अभिषेक बनर्जी या उनकी पार्टी को मतुआ समुदाय के साथ खड़े होने का ढोंग करने की जरूरत नहीं है। समुदाय जानता है कि उनके हित कहां सुरक्षित हैं।"
शांतनु ठाकुर के इस कड़े बयान के बाद 9 जनवरी को ठाकुरनगर में भारी तनाव की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले भी मतुआ ठाकुरबाड़ी में अभिषेक बनर्जी के दौरे के दौरान भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हो चुकी हैं। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और पुलिस इस संभावित टकराव को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।