कोलकाताः अगले साल की शुरुआत में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई की तैयारियों का जायजा लेने के अपने एजेंडे के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पार्टी के वर्तमान एवं पूर्व जन प्रतिनिधियों के समक्ष एक कार्य योजना प्रस्तुत की तथा भाजपा का एकजुट चेहरा प्रदर्शित करते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष को मुख्य चुनावी चेहरों में से एक के रूप में पेश किया।
राज्य में भाजपा की गतिविधियों में अग्रणी भूमिका से पिछले कई महीनों से काफी हद तक दूर रहे घोष को भी बंद दरवाजे के भीतर हुई इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था। इस बैठक में पार्टी के सांसद, विधायक, नगर निकाय पार्षद और संगठनात्मक दायित्व संभालने वाले पदाधिकारी शामिल हुए।
दिलीप घोष से राज्य के नेताओं की दूरी कम करने का प्रयास
ऐसा बताया जा रहा है कि शाह ने एक अलग बैठक की जिसमें घोष के साथ-साथ राज्य इकाई के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, मौजूदा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य और राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी मौजूद थे। यह बैठक पार्टी के पुराने और नए नेताओं के बीच मतभेदों को पाटने का संकेत है। घोष ने कार्यक्रम स्थल से निकलते हुए पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन आप 2026 के चुनावों में दिलीप घोष को सक्रिय भूमिका निभाते देखेंगे। मुझे अपने अनुभव साझा करने और मेरी राय जानने के लिए बुलाया गया था।’’
राज्य के नेताओं के अलावा बैठक में पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक जैसे सुनील बंसल, भूपेंद्र यादव, बिप्लब देब और अमित मालवीय भी उपस्थित थे।
शाह का पार्टी नेताओं को खास निर्देश
बैठक में उपस्थित एक नेता के अनुसार, शाह ने जन प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि वे अपनी जनसंपर्क क्षमता को मजबूत करने के लिए ‘‘सप्ताह में कम से कम चार दिन बिताएं और प्रतिदिन कम से कम पांच नुक्कड़ सभाओं में भाग लें।’’ नेता ने कहा कि आगामी राज्य चुनावों के लिए टिकट पाने की पात्रता हासिल करने के लिए नेताओं को अगले दो महीनों में पार्टी के सामने अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी। नेता ने कहा कि भाजपा के मुख्य चुनाव रणनीतिकार माने जाने वाले शाह ने पार्टी के 2024 लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों से भी उनके चुनावी अभियानों के दौरान उन्हें मिले फायदे और आई कठिनाइयों, उनकी जीत-हार में योगदान देने वाले कारकों के बारे में सुना और उन्हें सलाह दी कि वे चुनाव की तैयारियों के दौरान अपने-अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट के बारे में अपनी समझ साझा करें।
शाह से मिले दिलीप घोष, वनवास समाप्त
दिलीप घोष को इस साल की शुरुआत में दीघा में जगन्नाथ मंदिर परिसर के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनकी मुलाकात के दृश्य टीवी पर प्रसारित होने के बाद पार्टी की "पिछली पंक्ति" में धकेल दिया गया था। नेता ने घोष को बैठक में आमंत्रित किए जाने के बारे में कहा कि घोष के लिए तथाकथित ‘कूलिंग ऑफ’ (दूरी बनाए रखने) का समय अब समाप्त हो चुका होगा और आने वाले महीनों में पार्टी के लिए उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहने की संभावना है। घोष को भाजपा का सबसे सफल प्रदेश अध्यक्ष माना जाता है, जिनके नेतृत्व में पार्टी राज्य विधानसभा में तीन सीट से बढ़कर 70 से अधिक सीट तक पहुंची और उसने 2019 में 18 लोकसभा सीट भी जीतीं। उनकी आक्रामक प्रचार शैली का पार्टी अपनी चुनावी प्रक्रिया के दौरान इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।
शाह के दौरे से बंगाल बीजेपी में जोश
शुभेंदु अधिकारी ने बैठक में शामिल होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘पार्टी के सभी लोगों में जोश है। हम 2026 का चुनाव जीतेंगे और इस राज्य में वास्तविक बदलाव लाएंगे।’’ शाह ने बनर्जी पर मंगलवार को तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि उनकी सरकार चुनावी लाभ के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है जिससे पिछले कुछ वर्षों में राज्य की जनसांख्यिकी ‘‘खतरनाक रूप से बदल गई’’ है।
भाजपा के 2026 के चुनावी विमर्श की पृष्ठभूमि तैयार करते हुए शाह ने यह भी घोषणा की कि घुसपैठ का मुद्दा पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का केंद्रबिंदु बनेगा। पार्टी प्रतिनिधियों की बैठक के बाद शाह शहर के एक सभागार में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे और दिल्ली रवाना होने से पहले मध्य कोलकाता स्थित थंथानिया काली मंदिर में दर्शन करेंगे।