अयोध्याः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां भगवान राम की जन्मभूमि की महिमा का बखान करते हुए कहा कि अयोध्या तब मर्यादा का केन्द्र थी और अब यह विकसित भारत का मेरुदंड बनकर उभर रही है।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ''अयोध्या तब मर्यादा का केंद्र थी और अब यह विकसित भारत का मेरुदंड बनकर उभर रही है। भविष्य के अयोध्या में पौराणिकता और नूतनता का संगम होगा। सरयू की अमृत धारा, विकास की धारा एक साथ बहेगी। यहां आध्यात्मिकता और विकास दोनों का संगम दिखेगा।''
उन्होंने कहा, ''अयोध्या धाम में रामलला का मंदिर परिसर और उसे संवारने का कार्य लगातार जारी है। अयोध्या फिर से वह नगरी बन रही है जो दुनिया के लिए उदाहरण बनेगी।''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''त्रेता युग ने मानवता को नीति दी और 21वीं सदी की अयोध्या मानवता को विकास का नया मॉडल दे रही है।''
उन्होंने अयोध्या में विकास की विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ से नयी अयोध्या के दर्शन होते हैं।
मोदी ने कहा कि अयोध्या में भव्य हवाई अड्डा, शानदार रेलवे स्टेशन, वंदे भारत-अमृत भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेन इसे देश से जोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या वासियों के जीवन में समृद्धि आए, इसके लिए निरंतर काम चल रहा है।
वर्ष 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''जबसे प्राण प्रतिष्ठा हुई तबसे 45 करोड़ श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आ चुके हैं। इससे अयोध्या और आसपास के लोगों में आर्थिक परिवर्तन आया है।''
राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराने के समय पीएम मोदी के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी महंतों के साथ मौजूद रहे।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में अयोध्या के पिछड़ेपन की चर्चा करते हुए कहा कि कभी अयोध्या विकास के पैमाने पर बहुत पीछे थी, आज अयोध्या राज्य के अग्रणी शहरों में से एक है।
उन्होंने कहा कि एक समय भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था लेकिन 11 वर्ष के भीतर यह विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन चुका है।
राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के समय पूरा माहौल भक्तिपूर्ण रहा है। मंत्रों के जाप से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज रहा था।
मोदी ने दावा किया कि वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कालखंड में भगवान राम के विचार हमारी प्रेरणा बनेंगे।
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