नयी दिल्ली : विदेशमंत्री एस जयशंकर ने रूसी तेल खरीदने के लिए अमेरिका द्वारा भारत पर लगाये गये 50 फीसदी टैरिफ पूरी तरह से गलत बताया है और कहा है कि भारत अपने हितों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। भारत की प्राथमिकता अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा है। विदेशमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले दावों को एक बार फिर से खारिज करते हुए कहा है कि कि लगभग 50 साल से भारत की नीति रही है कि वह पाकिस्तान के साथ रिश्तों में किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता।
किसानों, छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं
जयशंकर ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ सीमाएं हैं, जिनका पालन करना होगा। हमारे लिए मुख्य तौर पर हमारे किसान और छोटे उत्पादक अहम हैं। इस मामले में हम पीछे नहीं हट सकते। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे सफल या अफसल होने की बात कह सकते हैं लेकिन बतौर सरकार हम अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए अडिग हैं।
गलत तरीके से तेल विवाद पेश किया जा रहा
विदेशमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि टैरिफ मुद्दे को गलत तरीके से तेल विवाद के रूप में पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चीन और अन्य यूरोपीय देश तो हमसे ज्यादा मात्रा में रूस से तेल आयात कर रहे हैं लेकिन टैरिफ वाली बात उनके ऊपर लागू नहीं हो रही है। जयशंकर ने आगे कहा कि जब लोग कहते हैं कि भारत युद्ध के लिए रूस को पैसा दे रहा है, तो उन्हें यह भी देखना चाहिए कि रूस-यूरोपीय व्यापार भारत-रूस व्यापार से कहीं अधिक बड़ा है। इस बात में काफी विरोधाभास है।
ट्रंप के सीजफायर वाले दावों को फिर से खारिज किया
जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले दावों को एक बार फिर से खारिज करते हुए कहा कि लगभग 50 साल से भारत की नीति रही है कि वह पाकिस्तान के साथ रिश्तों में किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता। विदेशमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पूरा ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच में सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का मुद्दा है, तो 1970 के दशक से लेकर अभी तक 50 साल हो चुके हैं। हमारा सीधा कहना है कि हम पाकिस्तान के साथ मुद्दों पर मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं।
भारत-अमेरिका संबंध : तनाव है पर लाइनें कटी नहीं हैं
विदेशमंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में कहा कि भारत को अपने राष्ट्रीय हित में निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। उन्होंने इसे रणनीतिक स्वायत्तता बताया। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव के बावजूद बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि हम दो बड़े देश हैं। लाइनें कटी नहीं हैं, लोग एक-दूसरे से बात कर रहे हैं, और हम देखेंगे कि यह कहां जाता है। देश में अमेरिका के नये राजदूत सेर्जियो गोर के बारे में पूछे जाने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।