नई दिल्ली : अगर आप अपने हो रहें खर्चो से परेशान हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी हो सकती है। आपको बता दें कि 4 दिसंबर, बुधवार को चालू हुई वित्त वर्ष की पांचवीं द्विमासिक मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू का आउटकम आज यानी शुक्रवार को आ चूका है। इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 11वीं बार हो रहा है जब रेपो रेट में कोई बदलाव ना करके उसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं दूसरी तरफ क्रेंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए सीआरआर यानी (कैश रिजर्व रेश्यो) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। यह करने से अब बैंको के पास 1.16 लाख करोड़ रूपये की अधिक नगदी उपलब्ध होगी।
क्या है CRR?
सीआरआर का फुल फॉर्म है कैश रिज़र्व रेशियो। यह कस्टमर के कैश डिपॉजिट का कुछ प्रतिशत होता है जिसे किसी भी कमर्शियल बैंक को रिजर्व कैश के रूप में आरबीआई के पास रखना होता है। इसकी मदद से मुद्रास्फीति को प्रबंधित करते समय अर्थव्यवस्था में लिक्विड कैश फ्लो को नियंत्रण में रख जाता है।
क्या है रेपो रेट ?
कमर्शियल बैंक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते रहते हैं। केंद्रीय बैंक जिस ब्याज पर कमर्शियल बैंको को कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए आरबीआई इस दर का उपयोग करता है। बढ़ती महंगाई को देखकर ऐसा लग रहा था कि इस बार केंद्रीय बैंक रेपो रेट कम करदे। इससे कमर्शियल बैंक कम ब्याज पर कर्ज ले सकते और बाजार में कैश फ्लो वापस से सही तरीके से शुरू हो सकता। पर ऐसा ना करते हुए केंद्रीय बैंक ने सीआरआर को कम करने का फैसला किया।
रोहित सिंह