नई दिल्ली - सुप्रीम कोर्ट ने पॉडकास्टर रणवीर अलाहबादिया को बड़ी राहत देते हुए उनके पासपोर्ट को वापस करने की अनुमति दे दी है, ताकि वह काम के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सकें। जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने असम और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा रणवीर के खिलाफ चल रही जांच को समाप्त किए जाने के बाद शर्तों में ढील दी। कोर्ट ने अलाहबादिया से कहा कि वह अपना पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए महाराष्ट्र साइबर पुलिस ब्यूरो से संपर्क करें।
एक साथ सभी FIR पर सुनवाई का होगा विचार
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अलाहबादिया के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ से कहा कि वह उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ने और अगली सुनवाई में इसे एक स्थान पर लाने की उनकी मांग पर विचार करेगा।
पहले गिरफ्तारी से मिली थी राहत
18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अलाहबादिया को उनके यूट्यूब शो के दौरान की टिप्पणियों के कारण दर्ज की गई कई एफआईआर में गिरफ्तारी से राहत दी थी और उन्हें अपना पासपोर्ट ठाणे पुलिस स्टेशन के नोडल साइबर पुलिस जांच अधिकारी के पास जमा करने का आदेश दिया था। इसके बाद, 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अलाहबादिया को उनके पॉडकास्ट "द रणवीर शो" को फिर से शुरू करने की अनुमति दी, लेकिन शर्त यह रखी कि वह "नैतिकता और शालीनता" बनाए रखें और इसे सभी उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त बनाएं।
कोर्ट ने रोक दिया था पोडकास्ट
बीयरबाइसेप्स के नाम से मशहूर रणवीर अलाहबादिया के खिलाफ कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' पर माता-पिता और सेक्स को लेकर की गई टिप्पणियों के कारण मामला दर्ज किया गया था। शुरू में, सुप्रीम कोर्ट ने अलाहबादिया को उनके पॉडकास्ट के किसी भी एपिसोड को प्रसारित करने से रोक दिया था, ताकि ये कार्यक्रम उनके चल रहे मामलों पर प्रभाव न डालें। 18 फरवरी को सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने अलाहबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और उनकी टिप्पणियों को 'अश्लील' बताते हुए कहा था कि उनका 'दिमाग गंदा' है, जो समाज को शर्मिंदा करता है।