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वह दिन जरूर आयेगा जब पीओके के लोगों की घर वापसी होगी : राजनाथ

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई : रास में रक्षामंत्री

नयी दिल्ली : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को तीनों सेनाओं के समन्वय का बेमिसाल उदाहरण बताते हुए कहा कि आज का भारत सहन करने में नहीं बल्कि माकूल जवाब देने में विश्वास करता है और यदि उसकी ओर से कुछ आतंकी करतूत की गयी तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को फिर शुरू करने में रंचमात्र भी देर नहीं की जायेगी। रक्षामंत्री ने साथ ही यह उम्मीद भी जतायी कि पीओके के लोगों की एक दिन ‘घर वापसी’ जरूर होगी। रक्षामंत्री ने यह दावा भी किया कि पहलगाम हमले और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

रक्षामंत्री ने फिर कहा : किसी क्षेत्र पर कब्जा करना हमारा मकसद नहीं था

सिंह ने राज्यसभा में ‘पहलगाम में आतंकी हमले’ के जवाब में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर ‘विशेष चर्चा’ की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाये। उन्होंने सोमवार को लोकसभा में दिया अपना यह वक्तव्य दोहराया कि किसी क्षेत्र पर कब्जा करना इस ऑपरेशन का मकसद नहीं था। इसका मकसद पाकिस्तान द्वारा वर्षों से पाली गयी आतंकवाद की नर्सरी का अंत करना था। रक्षामंत्री ने कहा कि 10 मई की सुबह जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एअरफील्ड पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की।

पहलगाम हमले के 3 आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षा बलों को बधाई

चर्चा की शुरुआत में ही सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराने के लिए सेना और सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यह विस्तृत जानकारी दी है कि सोमवार को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया। इस अभियान में मारे गये आतंकियों के पास से मिले हथियारों की फारेंसिक जांच की गयी है। जांच में यह पूरी तरफ स्पष्ट हो गया कि यह वे ही हथियार हैं जिनका इस्तेमाल पहलगाम आतंकी हमले में किया गया था।

पीओके टूटने का सबब पूछो न सबके सामने....

रक्षामंत्री ने आतंकियों को परोक्ष समर्थन देने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आज नाग पंचमी है और इस दिन सांपों को दूध पिलाना ठीक है किंतु हर दिन सांप को दूध नहीं पिलाया जाता। रक्षामंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि एक दिन ऐसा अवश्य आयेगा जब पीओके के लोग भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली और शासन व्यवस्था में शामिल होंगे। उन्होंने इस संबंध में एक शेर के कुछ शब्द बदलते हुए कहा -

‘पीओके टूटने का सबब पूछो न सबके सामने

नाम आयेगा तुम्हारा, यह कहानी फिर सही’।

मोदी और ट्रंप की कोई बातचीत नहीं हुई

रक्षामंत्री ने सदन में नेता प्रतिपक्ष की एक टिप्पणी के बाद चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए स्पष्ट किया कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रधानमंत्री और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में कहा था कि रक्षामंत्री को प्रधानमंत्री से यह पूछना चाहिए कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाने के लिए मध्यस्थता करने का जो दावा कर रहे हैं, उसका वह खंडन क्यों नहीं कर रहे?। इसके जवाब में सिंह ने कहा कि विदेशमंत्री (एस जयशंकर) ने सोमवार को लोकसभा में स्पष्ट कर दिया था कि प्रधानमंत्री की ट्रंप के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है।

तृणमूल ने किया वाकआउट

इससे पहले दोपहर दो बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, उपसभापति हरिवंश ने बताया कि सदन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होगी और सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस विषय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखें।इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने प्रक्रिया संबंधी मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन उपसभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह चर्चा के विषय से संबंधित नहीं था। इसके विरोध में तृणमूल के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ नारेबाजी की और कुछ सदस्य आसन के समीप भी पहुंचे। उपसभापति ने जब विपक्षी सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया गया, तो तृणमूल और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

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