प्रेस कॉन्फ्रेंस करते सियालदह के डीआरएम दीपक निगम व साथ में पूर्व रेलवे के सीपीआरओ दीप्तिमय दत्ता और सीनियर डीसीएम जसराज मीणा 
टॉप न्यूज़

बिना किसी लिंग भेद के रेलवे ने उठाया है कदम : डीआरएम

लेडिस लोकल ट्रेन को लेकर सियालदह डिविजन ने जारी किया बयान मातृभूमि में बनाये जायेंगे जनरल डिब्बे

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों की कुल संख्या काे ध्यान में रखते हुए सियालदह डिवीजन के चलने वाली ईएमयू लोकल ट्रेनों में महिला कोच में वृद्धी की गई है। पहले जहां 12 कोच वाली ट्रेनों में महिलाओं के लिए 2 विशेष डिब्बे निर्धारित किये गये थे, कुछ दिनों पहले रेलवे ने उसे बढ़ाकर 3 कर दिया था। जिससे जनरल कोच की संख्या 9 हो गई है। हालांकि इस वजह से लगातार विरोध जताया जा रहा है। इस विषय को लेकर गुरुवार को सियालदह के डीआरएम दीपक निगम ने पूर्व रेलवे के सीपीआरओ दीप्तिमय दत्ता व सीनियर डीसीएम जसराज मीणा की उपस्थिति में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया। डीआरएम ने कहा कि यात्रियों की कुल संख्या में 25% से ज्यादा महिलाएं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों में महिलाओं के लिए निर्धारित विशेष डिब्बों को बढ़ाया गया है। ट्रेन के दोनों सिरों से आधे-आधे हिस्से को मिलाकर तीसरे कोच का एक भाग सामान्य कोच से परिवर्तित कर महिला कोच में बदला गया है। यह पहल इसलिए की गई क्योंकि महिलाओं की भीड़ बढ़ती जा रही है और इसी वजह से कई बार महिला डिब्बे में चढ़ने के लिए भीड़ लग जाती थी। लोकल ट्रेनें काफी कम समय के लिए स्टेशनों पर रूकती है, मगर भीड़ ज्यादा होने की वजह से ट्रेनों का संचलन समय भी प्रभावित होता था। इसके अलावा लोगों की जान का भी जोखिम होता था। उन्होंने बताया कि बिना किसी लिंग भेद के रेलवे ने यह कदम उठाया है। यह निर्णय यात्रियों के आंकड़े को देखते हुए लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पहले जब 9 काेच वाली ट्रेनें चलती थी, तब उसमें महिलाओं के लिए 2 डिब्बे विशेष रूप से निर्धारित थे। डीआरएम ने कहा कि मातृभूमि लोकल जो केवल महिलाओं के लिए ही है। उसमें अक्सर महिलाओं की संख्या कम देखी जाती है। ऐसे में इसमें कुछ जनरल डिब्बे बनाने का रेलवे की ओर सोंचा जा रहा है। इससे पुरुष भी सफर कर पाये।

SCROLL FOR NEXT