नई दिल्ली : भारतीय रेल ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में इस बार इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बनाया। रेलवे बोर्ड ने महाकुंभ 2025 के लिए 45 दिन में 17,152 स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया। प्रयागराज क्षेत्र में तैनात रेलवे के 13 हजार कर्मियों ने सुरक्षित ट्रेन परिचालन में अहम योगदान किया। इस दौरान लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगायी।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जनवरी माह में प्रयागराज के लिए रेलवे ने 13 हजार ट्रेनों चलाने की योजना बनायी थी लेकिन श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए 17,152 स्पेशल ट्रेनों का सफल संचालन किया गया। इसमें 7,667 विशेष ट्रेनें और 9,485 नियमित ट्रेनें शामिल थीं। रेलवे ने महाकुंभ में ट्रेनों के जरिये तीन करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया, 45 दिन में यह आंकड़ा पांच करोड़ पहुंच गया।
रेलवे ने राज्य पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी और रेपिड़ एक्शन फोर्स के साथ मिलकर अभूतपूर्व समन्वय स्थापित किया, जिससे यातायात और भीड़ प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सका। रेलवे बोर्ड ने कई नवाचार किए, जिनमें खुशरोबाग, झूंसी, नैनी, छिवकी, प्रयाग जंक्शन और प्रयागराज जंक्शन में बड़े होल्डिंग एरिया विकसित किए गए। इससे यात्रियों को सुगमता मिली और भीड़ नियंत्रण प्रभावी ढंग से किया गया।
अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज पहुंच कर 45 दिन से दिनरात मेहनत कर रहे रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों, आरपीएफ -जीआरपी के जवानों से मुलाकात कर सफलतापूवर्क आयोजन के लिए उनको बधाई दी।
उन्होंने कहा कि टीटीई, ड्राइवरों, सहायक ड्राइवरों, सिग्नल और दूरसंचार कर्मियों, टीआरडी और इलेक्ट्रिकल टीमों, एएसएम, नियंत्रण अधिकारियों, ट्रैकमैन और रेलवे प्रशासकों के समन्वित प्रयासों से इस विशाल आयोजन को सफलतापूवर्क संपन्न हुआ।