कोलकाता/हुगली : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कर भारत ने पहलगाम हमले का बदला ले लिया। इससे पूरा देश खुश है, लेकिन हुगली के रिसड़ा में रहने वाला एक परिवार खुश होने के साथ-साथ चिंतित भी है। पाकिस्तान रेंजर्स ने बीएसएफ के जवान पूर्णम कुमार साव को बंदी बनाकर रखा है। लगभग 15 दिन हो गये, लेकिन अब तक पूर्णम के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है। पूर्णम की पत्नी रजनी समेत पूरा परिवार फिरोजपुर भी गया ताकि पूर्णम के बारे में बीएसएफ अधिकारियों से कुछ पता चल सके।
हालांकि परिवार को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। अब पाकिस्तान में भारत ने घुसकर जो हमला किया, इसके बाद परिवार की चिंता काफी बढ़ गयी है। अब जैसे पूर्णम की वापसी की उम्मीद उम्मीद पर ग्रहण लग गया है।
पूर्णम के पिता भोलानाथ साव ने सन्मार्ग से कहा, ‘हम 4-5 दिन पहले फिरोजपुर से लौटे हैं। अब तक मेरे बेटे का कुछ पता नहीं चल पाया है।’ भारत के पाकिस्तान पर हमले को लेकर उन्होंने कहा, ‘भारत जो भी कर रहा है, वह सब ठीक कर रहा है। हालांकि हमारी बस इतनी गुजारिश है कि किसी भी तरह मेरे बेटे को वापस लाया जाए ताकि वह फिर देश की सेवा में जुट जाये। अभी तक हमें कुछ नहीं पता कि पूर्णम किस हाल में है।’
पूर्णम की पत्नी रजनी की बुधवार को भी बीएसएफ के सीओ से बात हुई है और उन्होंने कहा है कि पूर्णम की वापसी की प्रक्रिया में वे जुटे हुए हैं। रजनी नेे नम आंखों से कहा, ‘अब कोई उम्मीद नहीं दिख रही। युद्ध का शंखनाद हो गया है। पाकिस्तान शायद अब नहीं छोड़ेगा।’ यहां उल्लेखनीय है कि रजनी अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने का मन बना चुकी हैं, ताकि अपनी असहाय स्थिति से उन्हें अवगत करवा सकें।