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रेत माफिया की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर पुलिस का हमला, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

जाने क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश के उन दो पत्रकारों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने को लेकर सहमति जताई, जिन पर स्थानीय रेत माफिया की रिपोर्टिंग को लेकर पुलिस ने हमला किया था। दो जजों के पीठ के समक्ष याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मामले का विशेष उल्लेख किया गया।

दोनों पत्रकारों की अधिवक्ता ने पीठ को बताया, ‘मध्यप्रदेश के एक स्थानीय पुलिस थाने में दो पत्रकारों की पिटाई की गई है। घटना एक महीने पहले हुई थी और पत्रकार घटना के बाद दिल्ली भाग गए। वे रेत माफिया के बारे में रिपोर्टिंग कर रहे थे। यह बहुत गंभीर (मामला) है। उन्हें थाने में पीटा गया। उन्होंने अब सुरक्षा मांगी है। याचिकाकर्ता भिंड में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे।’

पीठ ने पूछा, ‘आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए?’ वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता इस समय दिल्ली में हैं, जिसके बाद पीठ ने पूछा, ‘तो क्या हमें अग्रिम जमानत के लिए अखिल भारतीय मामलों पर विचार करना चाहिए, खासकर तब, जब वहां एक पत्रकार है?’ वकील ने दावा किया कि याचिकाकर्ताओं की जान को खतरा है और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी इस घटना की निंदा की है।

पीठ ने पूछा, ‘आप आज ही सीधे उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते?’ वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के पास उच्च न्यायालय के समक्ष जाने का कोई साधन नहीं हैं। उन्होंने पीठ से याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। इसके बाद पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को लेकर सहमति जता दी।

अदालत ने कहा, ‘लेकिन आप जोखिम उठा रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं कि अगर यह (इस) पीठ के समक्ष आता है तो आपको निष्कर्ष पता होगा।’ वकील ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय को मनाने की कोशिश करेंगी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मई को मध्यप्रदेश के एक पत्रकार को सुरक्षा प्रदान की, जिसने दावा किया था कि भिंड के पुलिस अधीक्षक द्वारा उसके कार्यालय में कथित रूप से पीटे जाने के बाद उसकी जान को खतरा है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह ‘स्वराज एक्सप्रेस’ समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख अमरकांत सिंह चौहान को दो महीने तक सुरक्षा प्रदान करे। सिंह मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं।

भिंड जिले के तीन पत्रकारों ने हाल ही में आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के अंदर उनके साथ मारपीट की गई या उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, हालांकि पुलिस अधिकारी ने इस आरोप से इनकार किया है। यूट्यूब चैनल चलाने वाले प्रीतम सिंह राजावत, समाचार पोर्टल चलाने वाले शशिकांत गोयल और चौहान ने जिला कलेक्टर को सौंपी गई शिकायत में आरोप लगाया कि एक मई को उनके साथ मारपीट की गई।

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