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Aurangzeb के कब्र को हटाने के लिए कोर्ट पहुंचे लोग, दायर की गई याचिका

बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर

कोलकाता - देशभर में मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को हटाने का मुद्दा चर्चा में बना हुआ है। बॉम्बे हाईकोर्ट में औरंगजेब के मकबरे को हटाने के लिए जनहित याचिका भी दायर की गई है।

केतन तिरोडकर नामक एक व्यक्ति ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने औरंगजेब की कब्र को तोड़ने और पुरातत्व सर्वेक्षण भारत से इसे राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाने का निर्देश देने की मांग की है। उनका कहना है कि यह कदम पुरातत्व सर्वेक्षण भारत अधिनियम, 1958 की धारा 3 के अनुरूप नहीं है।

कैसे शुरू हुई कब्र हटाने की मांग ?

समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के बयान के कारण इस मुद्दे ने काफी तूल पकड़ा। फिल्म "छावा" रिलीज होने के बाद उन्होंने औरंगजेब को एक अच्छा राजा बताया था, लेकिन बाद में बढ़ते दबाव के कारण उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया।

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुग़ल सम्राट औरंगजेब का मकबरा हटा दिया जाना चाहिए, और यह काम कानून के तहत किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने औरंगजेब के मकबरे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के हवाले कर दिया था। छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने भी औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग की थी। इसके बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद भी इस मामले में शामिल हो गए और चेतावनी दी कि अगर कब्र नहीं हटाई गई, तो वे प्रदर्शन करेंगे।

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