पार्थ चटर्जी (फाइल फोटो)  
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पार्थ चटर्जी विधानसभा में आ सकते हैं क्योंकि...

एसएससी केस के बाद पहली बार विधानसभा में पार्थ चटर्जी की एंट्री!, हंगामेदार हो सकता है शीतकालीन सत्र

सबिता, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा का शीतकालीन सत्र अगले महीने संभावित शुरू होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ हाल में ही है हिरासत से बाहर आए पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी इसी सत्र में शामिल होना चाहते हैं। सदन के भीतर उन्हें कौन सी सीट की संख्या दी जाएगी इस पर विधानसभा में चर्चा तेज हो गई है हालाँकि आधिकारिक रूप से सीट संख्या पर मुहर नहीं लगी है। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि जैसा कि पार्थ चटर्जी वरिष्ठ सदस्य हैं इसलिए ऐसा हो सकता है कि उन्हें सदन के भीतर सामने की तरफ़ सीट दी जाए। जैसा कि सभी जानते हैं कि पार्थ चटर्जी तृणमूल से जीते हुए विधायक है मगर एसएससी मामला सामने आने के बाद ही उन्हें पार्टी की तरफ़ से सस्पेंड किया गया है। मंत्री पद से भी हटाया गया है। ऐसे में उन्हें सदन में उनकी पसंदीदा सीट मिलने पर संशय है। सदन के भीतर एक तरफ़ सत्तापक्ष के विधायक वरिष्ठ मंत्री बैठते हैं वहीं दूसरी तरफ़ मुख्य विपक्षी दल यानी भाजपा के विधायक बैठते हैं, वही बीच की तरफ़ से नौसाद सिद्दीकी और कई विधायक बैठते हैं।

स्पीकर विमान बनर्जी

स्पीकर का रूख

विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी ने कहा कि पार्थ चटर्जी विधानसभा में आ सकते हैं क्योंकि विधानसभा ने उन्हें सस्पेंड नहीं किया है। ऐसे में सदन में आने में कोई दिक़्क़त नहीं होगी।स्पीकर ने यह भी कहा कि अगर पार्थ अन्य विधायक की तरह स्पीच रखना चाहते हैं सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहते हैं तो उन्हें मौक़ा दिया जाएगा। क़ानूनी कार्रवाई अपनी जगह है और सदन की कार्रवाई अपनी जगह है।सीटिंग अरेंजमेंट्स फिर से कर दी जाएगी।उपयुक्त सीट उन्हें दी जाएगी।

विधानसभा

शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने की संभावना

सूत्रों के मुताबिक पार्थ चटर्जी हिरासत से बाहर आने के बाद राजनीति में एक्टिव होना चाहते हैं। उन्होंने पहले ही कहा है कि वे अपने विधानसभा केंद्र के लोगों से न्याय मांगेंगे। वहीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी आना चाहते हैं। हालांकि इस संबंध में विधानसभा में कोई पत्र नहीं भेजा गया है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि पार्थ चटर्जी के सदन में आने से हो हल्ला विपक्ष की तरफ से हो सकता है। ऐसे में शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने की संभावना है।

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