विधायक पार्थ चट्टोपाध्याय  
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अर्पिता मेरी दोस्त हैं, इसमें गलत क्या?

तीन साल बाद पार्थ चट्टोपाध्याय ने चुप्पी तोड़ी

कोलकाता: तीन साल तीन महीने जेल में रहने के बाद तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता और बेहला पश्चिम के विधायक पार्थ चट्टोपाध्याय मंगलवार को जमानत पर रिहा हुए। नाकतला स्थित अपने घर लौटते समय उनकी आंखों में आंसू थे। बुधवार को उन्होंने मीडिया से खुलकर बात की और अर्पिता मुखर्जी के साथ अपने संबंधों को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया दी।

पार्थ ने कहा, अर्पिता मेरी मित्र हैं, इसमें गलत क्या है? मेरी पत्नी का निधन हो चुका है। अगर कोई महिला मेरे साथ पारिवारिक मित्रता रखना चाहती है, तो क्या यह अपराध है? उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ने जानबूझकर 'रंग चढ़ाकर' खबरें दिखायीं और अर्पिता को भी अन्यायपूर्वक अपमानित किया।

अर्पिता के फ्लैट से बरामद भारी नकदी को लेकर पार्थ ने कहा, वह पैसा मेरा नहीं है। मेरे घर से कुछ नहीं मिला। जिसका पैसा है, वही उसका जवाब देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में जेल में रहते हुए वह कोई काम नहीं कर पाये और अब अपनी विधायक निधि की राशि का अधिकांश वापस करना चाहते हैं।

पार्थ ने कहा, मैंने हमेशा ममता बनर्जी को अपना नेता माना है। अगर किसी को शोभन-बैसाखी जैसे संबंध स्वीकार्य हैं, तो मेरी एक मित्र होने में समस्या क्यों? उन्होंने अंत में कहा, एक महिला को अपमानित करना आसान है, लेकिन यह न्याय नहीं है। पार्थ ने जेल में बीते साढ़े तीन वर्षों को 'कठिन समय' बताते हुए कहा कि मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया। अगर कुछ गलत हुआ भी, तो वह त्रुटि थी, अपराध नहीं।

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