देहरादून : करीब डेढ़ साल पहले प्रशिक्षण विमान दुर्घटना में मारे गये स्क्वैड्रन लीडर अभिमन्यु राय के माता-पिता अभी तक अपने बेटे की मौत से उबर नहीं पाये हैं लेकिन बेटे की मौत के बाद सभी अधिकार और सम्मान केवल उनकी बहू को दिये जाने और उनकी पूरी तरह ‘उपेक्षा’ किये जाने ने उनके जख्म को और गहरा कर दिया है। स्क्वैड्रन लीडर अभिमन्यु राय के पिता ग्रुप कैप्टन अमिताभ राय (सेवानिवृत्त) और मां चित्रलेखा ने इस संबंध में सरकारी नीति में परिवर्तन की मांग की है।
बेटे की विदेशी कैडेट को प्रशिक्षित करने के दौरान हुई थी मृत्यु
वायुसेना के 33 वर्षीय पायलट स्क्वैड्रन लीडर राय की 4 दिसंबर, 2023 को हैदराबाद में वायुसेना अकादमी के पास एक विदेशी कैडेट को प्रशिक्षित करने के दौरान विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी। दुर्घटना के समय वे अपने प्रशिक्षणाधीन विदेशी कैडेट के साथ प्रशिक्षक जेट पिलाटस पीसी-7 मार्क-टू विमान उड़ा रहे थे। हादसे में दोनों की मृत्यु हो गयी थी। ग्रुप कैप्टन अमिताभ राय (सेवानिवृत्त) और उनकी पत्नी चित्रलेखा ने कहा कि उन्होंने दिसंबर 2023 में अपने इकलौते बेटे अभिमन्यु को खो दिया लेकिन सरकार की ओर से अभी तक उनके लिए संवेदना का एक शब्द भी नहीं कहा गया।
माता-पिताओं की अनदेखी!
चित्रलेखा ने एक भेंट में कहा कि हम शहीदों के कम से कम एक दर्जन ऐसे माता-पिताओं को जानते हैं जिनकी अधिकारों और सम्मानों को दिये जाने के दौरान अनदेखी की गयी और वे अधिकार केवल उनकी पत्नियों को दे दिये गये। अमिताभ राय ने कहा कि अपने जीवन की सबसे दुखद त्रासदी के बाद से एक साल चार माह का समय गुजर चुका है लेकिन हमें आज तक प्रधानमंत्री या रक्षामंत्री से संवेदना का एक शब्द भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अनेक मामलों में मारे गये या शहीद हुए सैनिकों की पत्नियां मुआवजा और अपने पतियों की आधी पेंशन लेने के बाद अपने सास-ससुर को छोड़कर चली जाती है या उनके साथ खराब व्यवहार करती हैं। कभी-कभी वे अपने दिवंगत पति की पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा लेने के लिए सास-ससुर को अदालत में भी घसीटती हैं।