नई दिल्ली : भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों को तबाह किये जाने से बिलबिलाया पाकिस्तान अपनी लाज बचाने के लिए भारत में बेकसूर लोगों पर हमले करने की नाकाम कोशिश में लगा है। इसी बीच उसने चीनी चाइना मेड जेएफ-17 को भारतीय सीमा की ओर भेजा, जो नाकाम साबित हुआ। उसे भारत ने नष्ट कर दिया। इसकी नाकामी के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से हुए समझौते को ताक पर रखकर इस काम के लिए अमेरिका से मिले एफ-16 को लगा दिया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने एफ-16 फाइटर जेट को भी एलओसी के पास मार गिराया है। हालांकि, भारतीय सेना ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। रिपोर्ट में बताया गया कि 8 मई की रात पाकिस्तान ने जम्मू और पठानकोट पर सुसाइड ड्रोन्स से हमला किया। साथ ही एफ-16 फाइटर जेट भी उड़ाए। भारत के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने सभी पाकिस्तानी ड्रोन्स मार गिराए। इसने पाकिस्तान के एक एफ-16 फाइटर जेट को भी मार गिराया है।
अमेरिका कर सकता है कार्रवाई : एफ-16 अमेरिकी विमान है। रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका ने कड़ी शर्तों के साथ पाकिस्तान को एफ-16 विमान सौंपा था। दोनों देशों के बीच ‘एंड-यूज मॉनिटरिंग एग्रीमेंट’ हुआ है। उसमें एक अहम शर्त ये कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं करेगा। इसका इस्तेमाल केवल आतंकी गतिविधियों और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए किया जा सकता है।
अमेरिका इन विमानों के इस्तेमाल की निगरानी करता है और किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई कर सकता है। ताजे मामले में पाकिस्तान के एफ-16 विमान के इस्तेमाल की बात सच साबित हुई, तो अमेरिका पाकिस्तान पर एक्शन ले सकता है। नियमों के मुताबिक अमेरिका एफ-16 के रख रखाव के लिए दी जाने वाली मदद रोक सकता है। वह चाहे तो इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक भी लगा सकता है।
2019 में भी एफ-16 विमान के जरिए पाकिस्तान ने की थी हिमाकत : 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने एफ-16 विमान के जरिए भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। तब भारत के मिग 21 ने उसे मार गिराया था। भारत ने एफ-16 के इस्तेमाल की शिकायत अमेरिका से की थी। तब अमेरिका ने पाकिस्तान के एयरफोर्स को लेटर लिखकर एफ-16 विमानों का दुरुपयोग करने और उनकी साझा सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया था।
हालांकि, अमेरिका ने पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसी साल फरवरी में भारत की आपत्ति के बाद भी अमेरिका ने एफ-16 लड़ाकू विमानों को बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को 397 मिलियन डॉलर दिया था। तब भी अमेरिका ने साफ कहा था कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद के लिए करेगा, भारत के खिलाफ कार्रवाई बर्दास्त नहीं की जाएगी।