टॉप न्यूज़

पढ़ो भारत अभियान : ज्ञान और शिक्षा के लिए IHF की राष्ट्रव्यापी मुहिम

सन्मार्ग को बनाया मीडिया पार्टनर हर बच्चा तक शिक्षा पहुंचाने का उठाया बीड़ा

केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : शिक्षा के क्षेत्र में भारत को सशक्त बनाने की दिशा में इंडिया ह्यूमैनिटी फाउंडेशन (IHF) ने अपनी महत्वाकांक्षी पहल “पढ़ो भारत कार्यक्रम” की शुरुआत की है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत पूरे देश में पुस्तकालयों की स्थापना और पुस्तक संग्रह अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हर बच्चा तक ज्ञान और शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

पढ़ने का समान अवसर देना उद्देश्य : शेखर मेहता

फाउंडेशन के अध्यक्ष शेखर मेहता ने कहा, हमारा उद्देश्य केवल किताबें बांटना नहीं, बल्कि हर बच्चा को पढ़ने का समान अवसर देना है। उन्होंने बताया कि यह पहल समाज के पिछड़े वर्गों में शिक्षा के प्रसार की दिशा में एक ठोस कदम है। इस मुहिम को व्यापक जनसहयोग दिलाने के लिए IHF ने सन्मार्ग को मीडिया पार्टनर बनाया है। मीडिया को जमीनी रिपोर्टिंग, प्रवक्ता साक्षात्कार और विज़ुअल सामग्री जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। इस संबंध में मेहता ने सन्मार्ग समूह के चेयरमैन विवेक गुप्त को सूचित भी किया है। पढ़ो भारत अभियान न केवल शिक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज में नागरिक सहभागिता और सामाजिक चेतना को भी प्रोत्साहित करेगा। यही इस पहल की सच्ची सफलता होगी।

5,000 से अधिक पुस्तकालयों का हो चुका है निर्माण

IHF अब तक देशभर में 5,000 से अधिक पुस्तकालयों का निर्माण कर चुका है और इस बार उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहा है जहां अब तक पुस्तकों की पहुंच नहीं है। फाउंडेशन की टीम ने कोलकाता सहित अन्य राज्यों में 1,00,000 से अधिक किताबें इकट्ठी कर ली हैं। इनमें अकादमिक किताबों के साथ-साथ उपन्यास, प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे CLAT, MBA की किताबें भी शामिल हैं। IHF की एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट श्रेयांशी ने बताया कि लोग अपनी किताबें फाउंडेशन के कलेक्शन सेंटरों पर दान कर सकते हैं। इन केंद्रों की जानकारी और नजदीकी लोकेशन IHF के ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध हैं।

अभियान की मुख्य बातें :

-अवधि : 8 अगस्त से 8 सितंबर 2025 तक चला यह विशेष एक महीने का अभियान

-लक्ष्य : देश के वंचित समुदायों में शिक्षा और पुस्तक संसाधनों की समान पहुंच

-दो चरणों में क्रियान्वयन :

1. राष्ट्रव्यापी पुस्तक संग्रह अभियान

2. 1000 और नये पुस्तकालयों की स्थापना

SCROLL FOR NEXT