नयी दिल्ली : भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अपने काम को अच्छे तरीके से अंजाम दिया है। वायुसेना ने यह काम निहायत सावधानी तथा समझदारी के साथ किया है। यह सब देशहित को ध्यान में रखते हुए किया गया। ‘युद्धविराम’ की घोषणा के बाद भी हालांकि, भारतीय वायुसेना ने कहा कि अभी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चल रहा है। अतः पूरी जानकारी बाद में दी जाएगी। विगत, 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसमें वायुसेना ने बड़ी भूमिका निभाई। पहले ही दिन भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।
अटकलें नहीं लगाएं : वायुसेना
भारतीय वायुसेना ने रविवार को लोगों से कहा है कि वे अटकलें न लगाएं। वायुसेना ने यह भी कहा है कि बिना जांच-परख के खबरों को नहीं फैलाएं। वायुसेना का कहना है,‘सभी से अनुरोध है कि वे अटकलें नहीं लगाएं और बिना जांची-परखी जानकारी का प्रसार नहीं करें।’
हवाई सीमा के अंदर से हमलों को दिया अंजाम
सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी आतंकी मारे गए। भारत ने इस अभियान के जरिए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकवादी ठिकानों को अपना निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर भी शामिल है। भारत के सटीक हमले के बाद पाकिस्तान ने 48 घंटों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हालांकि भारत ने ये सभी हमले अपनी हवाई सीमा के अंदर से किए हैं।
दोनों देश युद्धविराम के लिए राजी
मालूम हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए तैयार हो गए हैं। दोनों देश सीमा पर तुरंत युद्धविराम के लिए राजी हुए हैं। यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया। उस हमले के बाद सीमा पर बहुत तनाव बढ़ गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पिछले दो दिनों में ‘राजनयिक बातचीत’ हुई, जिसके बाद यह सफलता मिली। हालांकि, युद्धविराम की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तान ने श्रीनगर और अन्य सीमावर्ती इलाकों में नियमों को तोड़ा।
मई 7 को, भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन से हमले किए। भारतीय सेना ने इन हमलों को रोक दिया, लेकिन इससे दोनों देशों के बीच युद्ध का डर बढ़ गया। दोनों ही देश परमाणु हथियार संपन्न हैं, अतः चिंता और भी बढ़ गयी थी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अब देखना है कि यह युद्धविराम कब तक चलता है और क्या दोनों देश शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम करेंगे ?