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भारत की केवल दो प्रतिशत आबादी सिनेमाघरों में फिल्म देख पाती है : आमिर

स्क्रीन की संख्या बढ़ाने की जरूरत

मुंबई : अभिनेता आमिर खान ने शुक्रवार को कहा कि भारत फिल्म प्रेमी देश है लेकिन देश की बड़ी आबादी अमेरिका और चीन जैसे देशों की तुलना में सिनेमाघरों तक नहीं जा पाती। यहां आयोजित पहले ‘विश्व दृश्य श्रव्य और मनोरंजन सम्मेलन’ (वेव्स) के दूसरे दिन आमिर खान (60) ने एक सत्र में भाग लिया जिसका शीर्षक था ‘स्टूडियोज ऑफ फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन वर्ल्ड स्टूडियो मैप’।

उन्होंने कहा कि मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अवसंरचना में निवेश बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में, जिसे फिल्म प्रेमी देश के रूप में जाना जाता है, केवल 2 प्रतिशत आबादी ही सिनेमाघरों में हमारी सबसे बड़ी हिट फिल्में देखती है। बाकी 98 प्रतिशत लोग कहां फिल्म देखते हैं? आमिर ने कहा कि भारत सिनेमाघरों और बड़े पर्दों की संख्या के मामले में अमेरिका और चीन से काफी पीछे है। मुझे लगता है कि हमारे पास करीब 10,000 स्क्रीन हैं। अमेरिका में, जिसकी आबादी भारत की एक तिहाई है, 40,000 स्क्रीन हैं।

इसलिए वे हमसे बहुत आगे हैं। चीन में 90,000 स्क्रीन हैं। इन 10,000 स्क्रीन में से भी आधे दक्षिण में हैं और बाकी आधे देश के बाकी हिस्सों में हैं। इसलिए एक हिंदी फिल्म के लिए मोटे तौर पर यह संख्या करीब 5,000 है। आमिर खान ने कहा कि बड़ी सफल फिल्मों की भी बात करें तो बहुत कम लोग इन्हें सिनेमाघरों में देख पाते हैं। सम्मेलन के पहले दिन गुरुवार को अभिनेता शाहरुख खान ने भी देश में सिनेमाघरों की संख्या बढ़ने की वकालत की थी।

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