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हर पांचवां भारतीय मोटापे से ग्रस्त!

मणिपुर, केरल और अरुणाचल में समस्या अधिक गंभीर

नयी दिल्ली : एक नये अध्ययन में पता चला है कि लगभग 10 में से 2 घरों में, सभी वयस्क या तो अधिक वजन वाले हैं या मोटापे से ग्रस्त हैं। अधिक वजन का मतलब है, किसी व्यक्ति की ऊंचाई के हिसाब से उसका वजन सामान्य से ज्यादा होना। इसे बीएमआई (तन मात्रा सूचकांक) से मापते हैं। अगर किसी का बीएमआई 25 से 29.9 किलो/वर्गमीटर के बीच है, तो उसे अधिक वजन वाला माना जाता है। मोटापा तब होता है, जब बीएमआई 30.0 किलो/वर्गमीटर या इससे ज्यादा हो जाता है।

सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

एनआईसीपीआर, टीईआरआई स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज और सिंबॉसिस के शोधकर्ताओं ने एक सर्वे किया। उन्होंने (एनएफएचएस-5, 2019-21) के पांचवें दौर के एमेटा का विश्लेषण किया। इसमें उन्होंने 6 लाख से ज्यादा घरों के लोगों के वजन और मोटापे के बारे में जानकारी जुटायी। उन्होंने पाया कि लगभग 20 फीसदी घरों में सभी वयस्क अधिक वजन वाले थे। वहीं 10 फीसदी घरों में सभी वयस्क मोटापे से ग्रस्त थे।

चार राज्यों में सबसे अधिक मोटे लोग

अध्ययन में पता चला कि मणिपुर, केरल, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में 30 फीसदी से ज्यादा घरों में सभी वयस्क अधिक वजन वाले थे। तमिलनाडु और पंजाब में पांच में से दो घरों में सभी वयस्क मोटापे से ग्रस्त पाये गये। शहरों में गांवों के मुकाबले दोगुने घरों में सभी सदस्य मोटापे से ग्रस्त थे। अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि परिवार एक साथ वजन बढ़ा रहे हैं। आईसीएमआर-एनआईसीपीआर के प्रमुख शोधकर्ता प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि जब परिवार का एक सदस्य अधिक वजन वाला या मोटा होता है, तो दूसरों के भी मोटे होने की संभावना बढ़ जाती है।

मोटापे का पारिवारिक रूप से होना एक बड़ा बदलाव

आईसीएमआर-एनआईसीपीआर की निदेशक शालिनी सिंह ने कहा कि मोटापे का पारिवारिक रूप से होना एक बड़ा बदलाव है। अब हम मोटापे को अलग तरह से समझ रहे हैं। परिवार इस स्वास्थ्य समस्या का केंद्र है। मतलब, मोटापा सिर्फ एक व्यक्ति की समस्या नहीं है बल्कि पूरे परिवार की समस्या है। अध्ययन में चेतावनी दी गयी है कि मोटापा खराब हृदय स्वास्थ्य का भी संकेत है। इससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय विफलता जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। यह 13 तरह के कैंसर से भी जुड़ा हुआ है।

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