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अब किस देश की यात्रा पर निकले PM Modi जहां हैं इतने सारे भारतीय ?

मॉरीशस में बिहारी लोकगीतों से हुआ पीएम मोदी का भव्य स्वागत

नई दिल्ली - विदेश में अगर 'जय भारत' का गीत सुनाई दे तो यह खुशी और गर्व से भर देने वाला अनुभव होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ऐसा ही अहसास हुआ जब वे दो दिन की यात्रा पर मॉरिशस पहुंचे। वहां उनका स्वागत बिहारी परंपरा और लोकगीतों के जरिए किया गया। भारतीय लोकधुनों के साथ ढोलक और मजीरे की मधुर ध्वनि सुनकर मोदी बेहद प्रसन्न हुए और उत्साह में खड़े होकर तालियां बजाने लगे।

लोकगीत से किया पीएम मोदी का स्वागत

मॉरिशस के शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया। राजधानी पोर्ट लुईस में एक खास सांस्कृतिक परंपरा देखने को मिली, जहां बिहारी परंपरा के अनुसार साड़ी पहने महिलाओं के एक समूह ने पारंपरिक लोकगीत गाकर प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।

महिलाएं उत्साहपूर्वक गा रही थीं, "धन्य है, धन्य है देश हमारा हो, मोदी जी पधारे हैं। जय मॉरीशस, बोलो जय भारत।" यह गीत भारत के भोजपुरी क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है, जिसे मॉरिशस में बसे भारतीय समुदाय ने यहां तक पहुंचाया और संजोकर रखा है।

क्या है 'गीत गवई' ?

मॉरीशस में पारंपरिक भोजपुरी संगीत शैली 'गीत गवई' बेहद लोकप्रिय है। इसकी सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए, यूनेस्को ने दिसंबर 2016 में इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में स्थान दिया था। आज 'गीत गवई' मॉरीशस में भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

क्या कहा मधानमंत्री मोदी ने ?

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मॉरीशस में भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों के प्रति उनका गहरा जुड़ाव वास्तव में प्रेरणादायक है। यह ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंध पीढ़ियों से फल-फूल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उन्हें यह आमंत्रण मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने दिया है। यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर क्योंकि 2015 के बाद यह पीएम मोदी की पहली मॉरीशस यात्रा है।

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