नई दिल्ली - बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी, जिन्होंने आशिक आवारा, वक्त हमारा है, क्रांतिवीर, करण अर्जुन और सबसे बड़ा खिलाड़ी जैसी फिल्मों से अपनी पहचान बनाई, को महाकुंभ 2025 में किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी। हालांकि, यह पद उनसे सिर्फ एक हफ्ते के भीतर ही विवादों के चलते वापस ले लिया गया। हाल ही में एक इंटरव्यू में ममता कुलकर्णी ने अपने खिलाफ लगे आरोपों और महामंडलेश्वर पद से हटाए जाने को लेकर खुलकर बात की।
'2 लाख रुपये उधार लिए थे' - ममता कुलकर्णी
इंटरव्यू के दौरान ममता कुलकर्णी से एक बड़ा सवाल पूछा गया कि क्या उन्होंने महामंडलेश्वर बनने के लिए किन्नर अखाड़े को 10 करोड़ रुपये दिए थे। इस पर ममता ने साफ कहा कि उनके पास 10 करोड़ तो क्या, 1 करोड़ रुपये भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने उनके सभी बैंक अकाउंट सीज कर दिए हैं, और उनके अकाउंट में 1 करोड़ रुपये भी नहीं हैं। ममता ने यह भी खुलासा किया कि गुरु को भेंट देने के लिए उन्होंने सिर्फ 2 लाख रुपये उधार लिए थे।
ममता के मुंबई में तीन अपार्टमेंट हैं
ममता कुलकर्णी ने यह भी बताया कि मुंबई में उनके तीन अपार्टमेंट हैं, लेकिन फिलहाल वह विदेश में रह रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि वह लंबे समय से मुंबई में नहीं थी और उनके अपार्टमेंट में कोई नहीं गया, इसलिए वे काफी खराब हो गए हैं।
ममता कई सालों से भारत से बाहर थीं, और हाल ही में महाकुंभ के लिए भारत वापस लौटीं। उन्होंने काफी पहले फिल्म इंडस्ट्री से दूरियां बना ली थी। भारत लौटने के बाद ममता ने संन्यास लिया और महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त की, लेकिन 7 दिनों के भीतर उन्हें इस पद से हटा दिया गया।
ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजयदास ने महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया। 24 जनवरी को उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी। इससे पहले, ममता ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया और पिंडदान किया, फिर उनका पट्टाभिषेक हुआ और उन्हें नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि मिला।
ममता महाकुंभ में सात दिन तक रहीं, लेकिन कुछ विवादों के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया। इसी तरह, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी इस विवाद के बाद बाहर कर दिया गया।