नयी दिल्ली : एक सांसद ने नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को संसद में जहां सरकार से आग्रह किया कि उस तरह की ‘देसी दारू’ को बनाने की अनुमति दी जाये जो पहले जौ, अंगूर और गन्ने के रस से बनती थी। वहीं एक विधायक ने विधानसभा में राज्य सरकार से मांग की कि पीने वाले को हर सप्ताह दो बोतल शराब दी जाये। केंद्र से ‘देसी दारू’ को बनाने की अनुमति की सिफािरश करने वाले भाजपा सांसद धर्मवीर सिंह हैं जबकि विधानसभा में कर्नाटक सरकार के समक्ष पीने वालों का पक्ष रखने वाले विधायक जनता दल (एस) के एमटी कृष्णप्पा हैं।
किसान की आमदनी बढ़ेगी
दोनों जन प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों के समर्थन में ‘ठोस तर्क’ दिये हैं। हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ से लोकसभा सदस्य धर्मवीर सिंह ने सदन में शून्यकाल के दौरान नकली शराब का मुद्दा उठाते हुए सरकार से आग्रह किया कि नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए उस तरह की ‘देसी दारू’ को बनाने की अनुमति दी जाये। क्योंकि इससे किसान की आमदनी भी दो गुना, तीन गुना बढ़ जायेगी। इससे नकली शराब बनाने वालों पर भी रोक लग सकेगी।
विधायक ने दी यह दलील
बेंगलुरू से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक विधानसभा में बुधवार को जेडीएस के वरिष्ठ विधायक कृष्णप्पा ने सरकार से हर सप्ताह लोगों को दो बोतल शराब मुफ्त मुहैया कराने की की मांग करते हुए सुझाया कि राज्य की सिद्धरमैया सरकार अपनी 5 गारंटी में शराब की दो बोतल भी पुरुषों को दे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इंगित करते हुए अपनी मांग के समर्थन में तर्क दिया कि मुझे गलत मत समझिए लेकिन जब आप 2000 रुपये मुफ्त देते हैं, जब आप बिजली मुफ्त देते हैं - तो यह हमारा पैसा है, है न? तो उनसे कहिए कि वे शराब पीने वालों को भी प्रति सप्ताह दो बोतल मुफ्त दें।
आप तो कभी पूरी बोतल पी जाते थे!
विधायक की इस मांग पर विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने कहा कि कल्पना कीजिए कि अगर हम दो बोतल मुफ्त देने लगें तो स्थिति कैसी होगी। इस पर कृष्णप्पा ने कहा अगर आप इसे मुफ़्त में देंगे तो स्थिति अपने आप ठीक हो जायेगी। फिर अध्यक्ष ने कहा यहाँ 224 लोगों में कितने लोग हैं जो शराब नहीं पीते? बाबू, आप तो कभी पूरी बोतल पी जाते थे।