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सांसद ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अंडमान-निकोबार में बिजली संकट पर त्वरित हस्तक्षेप की मांग की

सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : सांसद विष्णु पद रे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में गंभीर और लगातार बिगड़ते बिजली संकट के समाधान हेतु त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। इस पत्र की प्रतियां विद्युत मंत्री, राज्यपाल, मुख्य सचिव, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष, संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग की अध्यक्ष, विद्युत विभाग के सचिव और तकनीकी अधीक्षण अभियंता को भी भेजी गई हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को संबोधित पत्र में सांसद ने राज्यपाल एडमिरल डी. के. जोशी पर गंभीर लापरवाही और आठ वर्षों की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे लगातार चेतावनियों और जन आक्रोश के बावजूद बिजली संकट पर कोई ठोस कदम उठाने में विफल रहे हैं। सांसद ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राज निवास में 24x7 बिजली की सुविधा का आनंद ले रहे हैं, जबकि आम जनता को पोर्ट ब्लेयर, दक्षिण अंडमान और दूरदराज के द्वीपों में रोज़ाना 16 घंटे तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। सांसद रे ने कहा कि राज्यपाल ने बिजली संकट की समीक्षा तक नहीं की। वे केवल राज निवास को बेहतर बनाते रहे और पूरे सिस्टम को ध्वस्त कर दिया। अब जनता का धैर्य टूट रहा है और द्वीपों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। उन्होंने पत्र में बताया कि अंडमान-निकोबार द्वीप राष्ट्रीय ग्रिड से नहीं जुड़ा है और स्थानीय बिजली उत्पादन बहुत कम है। रोज 8 से 16 घंटे की बिना पूर्व सूचना वाली बिजली कटौती से घरों, अस्पतालों, स्कूलों, रक्षा इकाइयों और कार्यालयों का कार्य बाधित हो रहा है। कोविड काल में मरम्मत के लिए भेजे गए दो डीजी सेट अब तक वापस नहीं आए हैं। बिजली आपूर्ति छोटे निजी इकाइयों पर निर्भर है, जो तकनीकी रूप से कमजोर और बार-बार खराब होती हैं। विद्युत विभाग में वर्षों से कोई दीर्घकालिक योजना नहीं है, न ही पर्याप्त मानव संसाधन। 2013 से अधीक्षण अभियंता का पद भी खाली है। पोर्ट ब्लेयर में 20 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से केवल 2 मेगावाट उत्पादन हो रहा है, फिर भी इसकी विफलता की कोई जांच नहीं की गई। 2024 में विद्युत मंत्री के दौरे के दौरान हुई उच्च स्तरीय बैठक में सांसद को जानबूझकर नहीं बुलाया गया, जबकि वे स्थानीय मुद्दों से भलीभांति परिचित हैं। सांसद रे की प्रमुख मांगों में बिजली की त्वरित बहाली और नए डीजी सेट की तैनाती, राज्यपाल एडमिरल डी. के. जोशी को हटाने और पेंशन लाभ पर रोक लगाने, डॉलीगंज और अट्टम पहाड़ में गैर-कार्यशील सौर परियोजना की सीबीआई जांच और केंद्रीय निगरानी समिति का गठन शामिल है।

सांसद ने कहा कि जनता मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पीड़ित है। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो रहे हैं और रोजगार पर असर पड़ रहा है। यह सब एक व्यक्ति की निष्क्रियता की वजह से हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अपील की है कि स्थिति के पूर्ण संकट में बदलने से पहले तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि चक्का जाम और जन आंदोलन द्वीपों में तेजी से फैल रहा है।

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