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सांसद ने जन-समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई मांगी

सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के सांसद बिष्णु पद रे ने नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव से भेंट कर एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने मंत्रालय द्वारा पूर्व में उठाए गए महत्वपूर्ण जन-हित के मुद्दों पर शीघ्र एवं सकारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता दोहराई। सांसद ने मंत्रालय द्वारा उनके द्वारा उठाए गए कुछ लंबे समय से लंबित मामलों के समाधान के लिए आभार व्यक्त किया और आशा जताई कि शेष मुद्दों पर भी समान प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवास प्रमाण पत्र के आधार पर लद्दाख मॉडल की तर्ज पर द्वीपवासियों के रोजगार हेतु डोमिसाइल कानून लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने यूटी प्रशासन के समूह-बी (अराजपत्रित) एवं समूह-सी पदों में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष करने की मांग दोहराई, क्योंकि वर्तमान में पुरुषों के लिए 33 वर्ष और महिलाओं के लिए 38 वर्ष की सीमा लद्दाख मॉडल के अनुरूप नहीं है।

सांसद ने राजधानी मद के अंतर्गत वार्षिक यूटी बजट बढ़ाने और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा विकास के लिए 5,000 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान की मांग भी रखी। उन्होंने ओबीसी आयोग के गठन में तेजी लाने, पंचायतों एवं नगर निकायों के अधिकार और कार्यों की बहाली, वर्ष 2018 से लंबित गृह मंत्रालय की सलाहकार बैठक को पुनः आयोजित करने तथा मनरेगा कर्मियों के वेतनमान में वृद्धि की मांग भी उठाई। इसके अतिरिक्त सांसद ने समुद्री जल के प्रवेश से प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान करने, एंटी-डिफेक्शन प्रावधान लागू करने, औद्योगिक एस्टेट नीति 2025 के कुछ प्रावधानों की पुनः समीक्षा करने तथा 500 यात्रियों और 150 टन कार्गो क्षमता वाले चार जहाजों के अधिग्रहण को मंजूरी देने की आवश्यकता पर जोर दिया। अतिरिक्त सचिव (यूटी) ने सांसद को आश्वस्त किया कि मंत्रालय इन सभी मुद्दों पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है और इन्हें उचित विचार के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

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