कई राज्यों ने बैन किये कफ सिरप 
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एमपीऔर राजस्थान के बाद तमिलनाडु और केरल में भी कफ सिरप बैन

सीडीएससीओ ने 19 दवाओं की विनिर्माण इकाइयों का निरीक्षण शुरू किया

नयी दिल्ली : केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मध्यप्रदेश में दूषित कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की खबरों के बाद छह राज्यों में कफ सिरप और एंटीबायोटिक सहित 19 दवाओं की विनिर्माण (मैन्यूफैक्चरिंग) इकाइयों में जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू किया है। इस बीच मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु और केरल ने भी ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

विभिन्न नमूनों और कारकों का विश्लेषण

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि सीडीएससीओ ने गत शुक्रवार से यह निरीक्षण शुरू किया, जिसका उद्देश्य उन कमियों की पहचान करना है जिनके कारण दवा की गुणवत्ता में कमी आयी है तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देना है। मंत्रालय ने कहा कि इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, सीडीएससीओ और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम अब भी मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास मौतों के कारणों का आकलन करने के लिए विभिन्न नमूनों और कारकों का विश्लेषण कर रही है।

कांचीपुरम में दवा कंपनी से नमूने लिये गये

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि तमिलनाडु में कफ सिरप की बिक्री पर 1 अक्टूबर से प्रभावी पाबंदी का आदेश किया गया है। चेन्नै की एक कंपनी यह सिरप बनाती है। अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिन में पड़ोसी जिले कांचीपुरम के सुंगुवरचत्रम में दवा कंपनी की निर्माण इकाई का निरीक्षण किया गया और नमूने एकत्र किये गये। उन्होंने बताया कि कंपनी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी को दवाइयां आपूर्ति करती है। उन्होंने बताया कि नमूनों को सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजा जायेगा ताकि उनमें डाइएथिलीन ग्लाइकॉल रसायन (डीईजी) की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की थी एडवाइजरी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों की मौत के मामलों का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया, जिसमें निर्देश दिया गया कि 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जायें। केरल की स्वास्थ्यमंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को कहा कि राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने राज्य में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अन्य राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के बाद लिया गया है, जिनमें ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप के एक बैच में समस्या की बात कही गयी थी।

‘कोल्ड्रिफ’ में स्वीकार्य सीमा से अधिक डीईजी मिला

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि सीडीएससीओ द्वारा जांचे गये छह दवा के नमूने और मध्यप्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एमपीएफडीए) द्वारा जांचे गये तीन नमूने डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) संदूषकों से मुक्त पाये गये, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। मध्यप्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कांचीपुरम (तमिलनाडु) स्थित श्रीसन फार्मा की निर्माण इकाई से एकत्र ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के नमूनों का परीक्षण किया। शुक्रवार देर शाम हमारे साथ परिणाम साझा किये गये, नमूनों में डीईजी की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक थी। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया।

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