नयी दिल्ली : मानसून के पूरे भारत पर छा जाने के बाद दिल्ली-एनसीआर में पिछले 12 घंटे से तेज बारिश जारी है। बुधवार शाम हुई बारिश के बाद दिल्ली और गुरुग्राम की सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं उत्तराखंड में बारिश के चलते कई जगहों में भूस्खलन हुई है। रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ रोड पर पहाड़ टूट गया। हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन के मंडी-धरमपुर खंड सहित 245 सड़कें अवरुद्ध हैं। सेना ने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान (एचएडीआर) शुरू किया है और कुल 3,820 लोगों को बचाया है।
दिल्ली-एनसीआर : सड़कों पर ‘बाढ़’, गाड़ियां और लोग डूबे
दिल्ली और गुरुग्राम में गुरुवार को बारिश का अलर्ट जारी किया गया। बुधवार शाम हुई तेज बारिश के बाद शहर की अधिकतर सड़कों पर पानी भर गया। गुरुग्राम सेक्टर 6 में शीतला माता मंदिर के पास गाड़ियां पानी में तैरती नजर आयीं। लोग तक पानी में डूब गये। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के नरसिंहपुर के नजदीक सर्विस लेन पर 2 फुट तक पानी जमा हो गया।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा रोकी गयी
उत्तराखंड में इस मानसून में अब तक 22 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई है। राज्यभर के अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं। सड़कें बंद को गयीं। इसके चलते चारधाम यात्रा लगभग रोक दी गयी है। बुधवार को रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ जाने वाला मार्ग भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया। राजधानी देहरादून में उफान पर आयी रिस्पना नदी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
नागपुर में 71 गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा
महाराष्ट्र के नागपुर में तेज बारिश के कारण 71 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा गया। बोरगांव में 35 साल का युवक उफनते नाले में बह गया। उप्पलवाड़ी में भी 18 साल के लड़के की मौत हुई। नागपुर जिले के सभी स्कूल 9 जुलाई तक बंद हैं। नागपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार नागपुर में मंगलवार रात 8:30 बजे से बुधवार सुबह 5:30 बजे तक 9 घंटे में 172.2 मिमी बारिश दर्ज की गयी।
पूर्वोत्तर में सेना ने राहत अभियान शुरू किया
गुवाहाटी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सेना ने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान (एचएडीआर) शुरू किया है। सेना ने पूरे क्षेत्र में 40 राहत टुकड़ियां तैनात की हैं और कुल 3,820 लोगों को बचाया है। सेना ने नगालैंड, असम और मणिपुर में समन्वित तैनाती के साथ ‘ऑपरेशन जल राहत-2’ के तहत बचाव अभियान शुरू किया है। इन प्रयासों का नेतृत्व असम राइफल्स (उत्तर) के मुख्यालय महानिरीक्षक द्वारा स्थानीय नागरिक प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है। असम की नदियों में हालांकि जल स्तर घट रहा है, लेकिन सेना स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है।