नयी दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा। सरकार का कहना है कि वह नियमों के तहत सत्र में किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार हैं। सत्र के दौरान न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश हो सकता है।
विपक्ष के ‘विशेष अधिवेशन’ की मांग के बीच मानसूत्र सत्र का ऐलान
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने इन तारीखों की सिफारिश की है। गौरतलब है कि सरकार ने मानसूत्र सत्र का ऐलान विपक्ष के ‘विशेष अधिवेशन’ की मांग के बीच की है। विपक्ष पहलगाम हमला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के भारतीय जेट गिरने पर सिंगापुर में दिये बयान पर चर्चा की मांग कर रहा है।रीजीजू ने कहा कि मानसून सत्र में नियमों के तहत सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
जस्टिस वर्मा को हटाने के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से चर्चा शुरू
रिजीजू ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने में सभी राजनीतिक दलों को साथ लेने के सरकार के प्रस्ताव पर जोर देते हुए कहा कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को ‘राजनीतिक चश्मे’ से नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि कथित भ्रष्टाचार के मामले में फंसे न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने के उद्देश्य से की जा रही यह कवायद एक ‘सहयोगात्मक प्रयास’ हो। उन्हें उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सभी दल न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने के लिए ‘संयुक्त रूप से’ प्रस्ताव लायें।
विशेष सत्र की मांग से ध्यान हटाने का प्रयास : कांग्रेस
मानसून सत्र को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर विशेष सत्र की मांग से ध्यान हटाने का आरोप लगाया। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने के लिए अचानक मानसून सत्र की घोषणा की। भारत के इतिहास में कभी भी 47 दिन पहले सत्र की घोषणा नहीं हुई है। आमतौर पर सत्र की जानकारी एक हफ्ता या 10 दिन पहले दी जाती है। हम विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं ताकि पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा हो सके।