कोलकाता: घर लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 'श्रमश्री' योजना को लेकर अब प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। नवान्न सूत्रों के अनुसार, श्रम विभाग ने जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने का आदेश जारी किया है, ताकि केवल योग्य और वास्तविक प्रवासी श्रमिक ही इस योजना का लाभ उठा सकें।
योजना की गाइडलाइन के अनुसार, हर आवेदक को अपने आवेदन पत्र के साथ अन्य राज्यों में कार्य करने का प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य किया गया है। प्रशासन को आशंका है कि कई लोग वास्तविक प्रवासी श्रमिक न होते हुए भी फर्जी दस्तावेज या पहचान के आधार पर योजना का लाभ लेने की कोशिश कर सकते हैं। इसीलिए श्रम विभाग ने साफ निर्देश दिया है कि बिना पुख्ता दस्तावेज और सत्यापन के किसी भी आवेदन को स्वीकार न किया जाए।
स्थानीय स्तर पर ब्लॉक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और श्रम विभाग के कर्मचारी संयुक्त रूप से आवेदनों की जांच करेंगे। जरूरत पड़ने पर आवेदकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार और अतिरिक्त दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी। गौरतलब है कि श्रमश्री योजना के अंतर्गत घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, कौशल विकास, ऋण सुविधा और छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद दी जाएगी।
ऐसे में यदि फर्जी आवेदक योजना का लाभ उठा लेते हैं तो वास्तविक श्रमिक वंचित रह जाएंगे। श्रम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, यह योजना उन्हीं के लिए है, जिन्होंने वर्षों तक राज्य से बाहर श्रम कर जीवनयापन किया और अब घर लौटे हैं। श्रमश्री उनके लिए नई उम्मीद है और इसका दुरुपयोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।