कनैनिस्किस (कनाडा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष रोकने में मध्यस्थता की भूमिका निभाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए उन्हें बताया कि भारत और पाकिस्तान ने बिना किसी मध्यस्थता के अपनी सेनाओं के बीच सीधी बातचीत के बाद पिछले महीने सैन्य कार्रवाई रोकी थी।
फोन पर करीब 35 मिनट तक हुई मोदी-ट्रंप बातचीत
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार को बताया कि ट्रंप के साथ मंगलवार को फोन पर करीब 35 मिनट तक हुई बातचीत में मोदी ने साफ तौर पर कहा कि भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता है और ‘न कभी स्वीकार’ करेगा। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के अनुरोध पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच बातचीत शुरू हुई थी। मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को ‘छद्म युद्ध के रूप में नहीं बल्कि एक युद्ध के ही रूप में देखता है’ और भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी जारी है। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की सबसे पहले घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति ने 10 मई को की थी। इसके बाद से ट्रंप दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने संघर्ष रोकने पर सहमत न होने पर दोनों देशों के साथ व्यापार रोकने की धमकी देकर संघर्ष विराम समझौते में मध्यस्थता की।
ट्रंप का अमेरिका आने का न्योता ‘ठुकराया’
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘पूर्व प्रतिबद्धताओं’ का हवाला देते हुए कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आने के ट्रंप के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। मोदी और ट्रंप का जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात का कार्यक्रम था लेकिन इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति के शिखर सम्मेलन से समय से पहले विदा लेने के कारण यह बैठक नहीं हो पायी। इसके कारण दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सात से 10 मई के बीच हुए सैन्य संघर्ष पर प्रमुखता से बात की गयी। मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति को स्पष्ट रूप से बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के किसी प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई।
ट्रंप ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का न्यौता स्वीकारा
मिसरी ने बताया कि दोनों नेताओं ने फोन पर इजराइल तथा ईरान के बीच जारी संघर्ष के बारे में भी चर्चा की। दोनों नेता इस पर सहमत हुए कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति के लिए दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत आवश्यक है और इस दिशा में प्रयास जारी रहने चाहिए। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओं ने अपने विचार साझा किए और क्षेत्र में क्वाड की अहम भूमिका के प्रति अपना समर्थन जताया। मिसरी ने कहा कि मोदी ने ट्रंप को अगले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का न्यौता दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने न्यौता स्वीकार कर लिया और कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं।
कार्नी और मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, गतिरोध ‘खत्म’ हुआ
जी-7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के नये प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई जिससे दो साल से चल रहा गतिरोध खत्म हुआ। दोनों देश एक दूसरे के देश में अपना उच्चायुक्त बहाल करने पर राजी हुए। दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात थी और उसे एक नयी शुरुआत हुई । अब संबंधों को नयी गति देने और पसी विश्वास फिर से बनाने पर सहमति हुई। दोनों ने अनेक क्षेत्रों में परस्पर सहयोग बनाए रखने पर चर्चा की। इस मुलाकात से कनाडा में बसे खालिस्तान समर्थक सिखों के बीच नाराजगी है।