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फिर ‘गले मिले’ भारत और मालदीव

भारत और मालदीव के बीच बड़ा समझौता, मालदीव को 4,850 करोड़ की ऋण सुविधा देगा भारत

माले : मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर माली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापक वार्ता की, जिसमें व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यहां भारत ने मालदीव के साथ 4,850 करोड़ रुपये की लोन सुविधा के लिए समझौता किया। कार, वस्त्रों, व्हिस्की और कई अन्य उत्पादों पर शुल्क समाप्त करके द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत सरकार ने मालदीव के रक्षा मंत्रालय को 72 भारी वाहन उपलब्ध कराए हैं। साथ ही भारत और मालदीव ने मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करने का फैसला किया है। यह वार्ता दोनों देशों के रिश्तों में असहजता के दौर के बाद महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है। प्रधानमंत्री 26 जुलाई यानी शनिवार को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। वह राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ व्यापक वार्ता भी करेंगे और द्वीपीय राष्ट्र में भारत की सहायता से चलने वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

‘इंडिया आउट’ अभियान के बल पर सत्ता में आए थे मुइज्जू : द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीब माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘इंडिया आउट’ अभियान के बल पर द्वीपीय राष्ट्र की सत्ता में आए हैं। मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों के कारण संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी। इसके बाद, भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया। भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलिकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था, जिनका उपयोग मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत के निरंतर प्रयासों ने संबंधों को पुनः पटरी पर लाने में मदद की, जिसमें द्वीप राष्ट्र को उसकी आर्थिक समस्याओं से निपटने में सहायता देना भी शामिल है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी से जब संबंधों में बदलाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने इस पर काम करना जारी रखा है और परिणाम आपके सामने है। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में मालदीव की पिछली सरकारों के कार्यकाल में वृद्धि देखी गई थी।

चीन के करीब माने जाते हैं मुइज्जू

इसके पहले शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी के माले पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। चीन के करीब माने जाने वाले प्रधानमंत्री मुइज्जू और उनकी सरकार के कई शीर्ष मंत्री खुद वेलेना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे और प्रोटोकॉल तोड़ प्रधानमंत्री के गले लग गए। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत बच्चों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुति के साथ किया। इससे माले द्वारा इस यात्रा को दिए गए महत्व का पता चलता है। कुछ घंटों बाद, मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

भारत, मालदीव का ‘सबसे भरोसेमंद’ मित्र ः मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापार, रक्षा और समुद्री सुरक्षा समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए व्यापक वार्ता की। इसके बाद मोदी ने कहा कि भारत को मालदीव का ‘सबसे भरोसेमंद’ मित्र होने पर गर्व है। भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘महासागर’ दृष्टिकोण में मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत और मालदीव द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे। भारत मालदीव को उसकी रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने में हमेशा सहयोग देगा। मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, ‘हमारे संबंधों की जड़ें इतिहास से भी पुरानी हैं तथा सागर जितनी गहरी हैं।’

छह समझौतों पर हस्ताक्ष्‍ार ः दोनों पक्षों ने मत्स्य पालन और कृषि, मौसम विज्ञान, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, यूपीआई, भारतीय फार्माकोपिया और द्वीप राष्ट्र को भारत की रियायती ऋण सुविधा के क्षेत्र में छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। एजेंसियां

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