जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मॉक ड्रिल की पूर्व संध्या पर अभ्यास करतीं स्कूली छात्राएं -
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भारत ने पाक सीमा पर युद्धाभ्यास के लिए जारी किया नोटम, देश में 300 ‘जिलों’ में आज ‘मॉक ड्रिल’

केंद्र ने राज्यों को जारी किये निर्देश, ‘शत्रु के हमले’ की स्थिति में खुद को बचाने का अभ्यास करेंगे लोग

नयी दिल्ली : भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को ‘जवाब’ देने को लेकर जारी बैठकों के दौर के बीच पाकिस्तान सीमा पर युद्धाभ्यास के लिए नोटिस टू एयर मिशन सिस्टम (नोटम) जारी करने के साथ ही बुधवार (7 मई) को देशभर में ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजित करने का बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने देश के कई राज्यों को बुधवार को व्यापक नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिये हैं।

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मॉक ड्रिल की पूर्व संध्या पर डल झील में अभ्यास करते एसडीआरएफ कर्मी

‘मॉक ड्रिल’ पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 1 बजे तक और फिर अपराह्न 2 बजे से 5 बजे तक

यह ‘मॉक ड्रिल’ अलग अलग राज्यों व स्थान के अनुसार पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 1 बजे तक और फिर अपराह्न 2 बजे से 5 बजे तक परमाणु संयंत्रों, सैन्य ठिकानों, रिफाइनरी और जलविद्युत बांधों जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों वाले करीब 300 ‘नागरिक सुरक्षा जिलों’ में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन, ‘शत्रुतापूर्ण हमले’ के लिए नागरिक प्रशिक्षण और बंकरों और खंदकों की सफाई के साथ की जायेगी।

मॉक ड्रिल की तैयारी

नोटम : सीमा से लगे हवाईअड्डों में उड़ाने बंद रहेंगी

भारत ने पाकिस्तान सीमा पर युद्धाभ्यास के लिए नोटम जारी किया है। देशभर के 300 ‘जिलों’ में 7 मई को ‘मॉक ड्रिल’ होने जा रही है। इस नोटम को इससे जोड़कर ही देखा जा रहा है। दरअसल नोटम ऐसी नोटिस को कहा जाता है, जिसमें किसी विमान सुविधा, सेवा, प्रक्रिया या खतरे की स्थापना, स्थिति या परिवर्तन से संबंधित जानकारी होती है। पाकिस्तान सीमा से सटे कई जिलों में भी 7 मई को मॉक ड्रिल हो सकती है, ऐसे में भारत ने पहले ही नोटम जारी कर दिया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सीमा के निकटवर्ती किन हवाई अड्डों में उड़ानें बंद रहेंगी।

केंद्रीय गृह सचिव ने की उच्चस्तरीय बैठक

केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में लोगों की सक्रिय सहभागिता के साथ ‘मॉक’ अभ्यास करने पर विस्तार से चर्चा की गयी। सभी राज्यों में अधिकारी ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान शिक्षण संस्थानों के छात्रों, सरकारी और निजी संस्थानों के कर्मचारियों, अस्पताल कर्मचारियों, रेलवे और मेट्रो अधिकारियों के अलावा पुलिस, अर्द्धसैनिक और रक्षा बलों के वर्दीधारी कर्मियों को भी शामिल करेंगे। सूत्रों ने बताया कि नागरिक सुरक्षा जिले और सामान्य प्रशासनिक जिले भिन्न होते हैं। किसी भौगोलिक क्षेत्र में छावनी, रिफाइनरी या परमाणु संयंत्र होने पर उसे आवश्यकता और तात्कालिकता के आधार पर ‘नागरिक सुरक्षा जिले’ के रूप में चिह्नित किया जा सकता है। ऐसे जिलों को संबंधित राज्य प्राधिकारियों द्वारा नामित किया जाता है।

‘शत्रु के हमले’ की स्थिति में खुद को बचाने का प्रशिक्षण

गृह मंत्रालय के अनुसार ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान किये जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, लोगों को ‘शत्रु के हमले’ की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों तथा खंदकों की सफाई करना शामिल है। अन्य कदमों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अद्यतन करना एवं उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। ‘मॉक ड्रिल’ में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है।

अभ्यास का आयोजन गांव स्तर तक योजनाबद्ध तरीके से

इस अभ्यास का आयोजन गांव स्तर तक योजनाबद्ध तरीके से किया जायेगा तथा इसका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे मजबूत करना है। पत्र में कहा गया है कि इस अभ्यास में जिला नियंत्रकों, विभिन्न जिला प्राधिकारियों, नागरिक सुरक्षा वार्डन, स्वयंसेवकों, होमगार्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस), कॉलेज और स्कूल के छात्रों की सक्रिय भागीदारी की परिकल्पना की गयी है। उक्त नागरिक सुरक्षा अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न नागरिक सुरक्षा उपायों के परिचालन के प्रभाव और समन्वय का आकलन करना है। गौरतलब है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा अपने विकल्पों पर विचार करने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई उच्चस्तरीय बैठकें कर रहे हैं।

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