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कश्मीर में आंदोलन को हवा देने की कोशिश कर रहीं महबूबा और उनकी बेटी नजरबंद

जम्मू-कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती, उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती, श्रीनगर से लोकसभा सदस्य रुहुल्लाह मेहदी, पीडीपी नेता वहीद पारा और श्रीनगर के पूर्व महापौर जुनैद मट्टू को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है।

प्रशासन ने कदम इन नेताओं द्वारा उन छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त प्रकट किये जाने के बाद उठाया, जिन्होंने रविवार को गुपकर रोड पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। इन नेताओं ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति गठित किये जाने के एक साल पूरे होने के बावजूद कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलने पर छात्रों की ओर से आयोजित मार्च में शामिल होने की मंशा जताई थी।

सोशल मीडिया पर जताया विरोध

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पारा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेताओं को घर में नजरबंद कर दिया गया है ताकि वे विरोध कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता न प्रकट कर सकें। मेहदी ने शनिवार रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि उनके आवास के बाहर सशस्त्र पुलिस तैनात की गई है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह छात्रों के समर्थन में हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए की गई एक पूर्व-नियोजित कार्रवाई है?’’

पारा ने इसी के साथ जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार पर आरक्षण मुद्दे को हल करने की कोई मंशा नहीं दिखाने का आरोप लगाया और कहा कि मौजूदा आरक्षण नीति अस्तित्व का मामला बन गई है।

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