नई दिल्ली - महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा के बारे में FIR में कई हैरान करने वाले खुलासे किए गए हैं। पुलिस की FIR के अनुसार, फहीम शमीम खान को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है। FIR में आरोप है कि 500 से 600 हथियारबंद लोगों ने पुलिस पर हमला किया और पेट्रोल बम भी फेंके गए।
इसके अलावा, पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने महिला पुलिसकर्मी के साथ अनुचित व्यवहार किया, अश्लील इशारे किए और अन्य महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया। यह घटना 17 मार्च को शाम 4 बजे शुरू हुई और रात 11:30 बजे तक जारी रही।
महिला पुलिसकर्मियों के साथ की छेड़छाड़
FIR में कहा गया है कि भीड़ ने अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की। उनके कपड़े खींचे गए और उन्हें गालियां दी गईं। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने धमकी देते हुए कहा, ‘अभी हम पुलिसवालों को बताते हैं, इनको और किसी भी हिंदू को छोड़ना नहीं है। इन्होंने ही सारा खेल किया है!’ सूत्रों के मुताबिक, उपद्रवियों के पास कुल्हाड़ी, लाठी, पत्थर जैसे घातक हथियार थे, जिनका इस्तेमाल पुलिस और आम नागरिकों पर हमले के लिए किया गया।
क्या है पूरा मामला ?
FIR के अनुसार, छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सदस्यों ने गांधी गेट के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के सामने औरंगज़ेब की कब्र के खिलाफ नारेबाजी की और औरंगज़ेब का प्रतीकात्मक पुतला जलाया। इसके विरोध में, माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान की अगुवाई में 50 से 60 लोगों ने पुलिस स्टेशन के बाहर अवैध रूप से इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया और पत्थरबाजी की। इस भीड़ में लोगों के पास कुल्हाड़ी, लाठी, पत्थर जैसे घातक हथियार थे जो यह बताता है कि हिंसा का प्लान पहले से ही तय था।