सन्मार्ग संवाददाता
मिरिक : मिरिक बस्ती क्षेत्र के मंदारिन संतरा किसानों के लिए मंगलवार को मिरिक महकमा अन्तर्गत पहिलो गांव स्कूल डाडा ग्राम पंचायत दुई के तहत लेप्चा भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य समन्वयक एवं परियोजना निदेशक जीवन कुमार राई ने की। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर बंगाल कृषि विद्यालय के राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. शरद गुरुंग उपस्थित थे। शिविर में क्षेत्र के किसानों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिसमें राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के डॉ. तुलसी घिमिरे, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. साजिद अली, एटीएमए के अध्यक्ष बुद्ध लेप्चा, दार्जिलिंग ऑरेंज फार्मर्स एंड प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज सुब्बा और सचिव जोहन लेप्चा उपस्थित थे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र की डॉ. तुलसी घिमिरे ने कहा कि दार्जिलिंग और कालेबुंग जिले में उत्पादित मंदारिन संतरे की अपनी विशिष्टता और लोकप्रियता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भौगोलिक पहचान के लिए दार्जिलिंग संतरा किसान एवं उत्पादक संघ के नाम से इसका पंजीकरण जल्द ही सकारात्मक परिणाम देगा। उन्होंने कहा कि संतरा उत्पादकों का जीआई टैग के लिए सत्यापन अगले छह माह के भीतर किया जाना चाहिए। जीआई टैग मिलने के बाद दार्जिलिंग और कालेबुंग जिले का मंदारिन संतरा अपना नाम बरकरार रख सकेगा और कोई भी इसके नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकेगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। इसके लिए उन्होंने किसानों को जागरूक होने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इस बात के प्रमाण मौजूद हैं कि 1840 से 1856 के बीच दार्जिलिंग पहाड़ियों में संतरे की खेती की जाती थी। उन्होंने किसानों को जीआई मान्यता के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई के बारे में जागरूक किया। इसी प्रकार डॉ. शरद घिमिरे ने संतरे की वैज्ञानिक खेती और बीज उत्पादन पर प्रकाश डालते हुए दावा किया कि जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों से बस्ती क्षेत्रों में संतरे की खेती कम हो रही है। उन्होंने बताया कि वे लगातार किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर और जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करते रहे हैं। राजू सुब्बा द्वारा संचालित प्रशिक्षण शिविर में डॉ. साजिद अली ने संतरे के पेड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारियों और उनकी रोकथाम पर प्रकाश डाला। बुद्ध लेप्चा ने कृषि पर निर्भर किसानों को सशक्त बनाने और फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए ठोस पहल की आवश्यकता पर बल दिया। दार्जिलिंग संतरा किसान एवं उत्पादक संघ के अध्यक्ष मनोज सुब्बा और मुख्य समन्वयक एवं परियोजना निदेशक जीवन कुमार राई ने कहा कि दार्जिलिंग पहाड़ियों में संतरे की खेती के गौरव को बनाए रखने के लिए उनके लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम से किसानों को लाभ हुआ है।