ममता बनर्जी 
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जिनके नाम कटे हैं, उनके साथ खड़े हों : ममता

बीएलए की बैठक में मुख्यमंत्री का कड़ा रुख

कोलकाता: ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर में भारी गड़बड़ी देखकर नाराज हो गईं। आरोप है कि लगभग 45 हजार मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जिनमें कई जीवित लोगों को 'मृत' बताया गया है। इस मुद्दे पर मंगलवार की शाम कालीघाट में क्षेत्र के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) के साथ आपात बैठक में मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

चुनाव आयोग के अनुसार, भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र (159) में कुल मतदाता 2,06,295 हैं, लेकिन डिजिटाइज्ड/वेरिफाइड सूची में केवल 1,61,509 नाम हैं यानी लगभग 44,786 नाम (करीब 21.7 प्रतिशत) ड्राफ्ट सूची से गायब हैं। नाम कटने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएलए और पार्टी कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिया है कि जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनके साथ खड़े होकर हर तरह की मदद करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी हालत में वैध और जीवित मतदाता का नाम सूची से बाहर नहीं होना चाहिए। उन्होंने बीएलए से आग्रह किया कि जिन लोगों के नाम कटे हैं, उनके घर जाकर संपर्क करें और दस्तावेजों की जांच करें। जरूरत पड़ने पर घर-घर जाकर सहायता देने के निर्देश भी दिए गए। बीएलए की ओर से दावा किया गया कि वे घर-घर गए थे, लेकिन कई मतदाताओं ने फॉर्म भरकर लौटाया नहीं, जिससे स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह तर्क पूरी तरह स्वीकार नहीं किया।

उन्होंने सवाल उठाया कि जीवित मतदाताओं को मृत या डिलीट सूची में कैसे डाला जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिनके नाम कटे हैं, उनके घर जाकर दोबारा सत्यापन किया जाए, खासकर हाई-राइज इमारतों में। बताया गया कि वार्ड 70, 72 और 77 में सबसे ज्यादा नाम कटे हैं। कुछ मामलों में शिफ्ट हुए मतदाताओं और बिहार, उत्तर प्रदेश व ओडिशा के प्रवासी मतदाताओं के नाम SIR प्रक्रिया में उनके गृह राज्यों में बने रहने के कारण हटे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मतदाता सूची संशोधन की सुनवाई के दौरान बीएलए आम लोगों की हरसंभव मदद करें। “मे आई हेल्प यू” कैंप सक्रिय रखने और जरूरत पड़ने पर घर-घर जाकर फॉर्म भरने में सहायता देने का निर्देश दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी वैध मतदाता का नाम अंतिम सूची से बाहर नहीं जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ममता ने दिए निर्देश

* सुनवाई के दौरान सभी के साथ खड़ा रहना होगा

* जरूरत पड़ने पर घर-घर जाकर मदद करें

* किसी भी वैध मतदाता का नाम नहीं कटना चाहिए

* बीएलओ और बीएलए के बीच समन्वय रखना जरूरी

* जिनके नाम कटे हैं, उनकी दोबारा जांच करनी होगी

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