कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सुरुचि संघ के मंच से केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। विधानसभा चुनाव से पहले फरक्का और डीवीसी की ड्रेजिंग तथा जल छोड़ने की नीति को राज्य की बाढ़ और जल-जमाव की मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अगर ड्रेजिंग नहीं की गयी और मैं आप लोगों के आशीर्वाद से वापस आ सकी (मतलब चुनाव जीतना), तो मुझे पता है कि किस तरह जवाब देना है। मेरी ओर पानी धकेलोगे तो मैं भी तुम्हारी ओर पानी धकेल दूँगी। हर साल ऐसा नहीं चलेगा।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों की भारी वर्षा से कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के कई जिले लगभग डूब गये थे। डीवीसी और फरक्का से पानी छोड़े जाने से स्थिति और जटिल हो गयी। उसी संदर्भ में मुख्यमंत्री ने फिर केंद्र की भूमिका पर सवाल उठाये। उन्होंने आरोप लगाया, बंगाल के लिए किसी परियोजना में निवेश नहीं करते, लेकिन देश के बाहर जाकर करोड़ों रुपये खर्च करते हैं। लोगों की पीड़ा उन्हें दिखाई नहीं देती।
ममता ने दावा किया कि फरक्का और डीवीसी की सही ड्रेजिंग व रखरखाव नहीं होने की वजह से ही बार-बार राज्य के लोगों को बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है। ममता ने आगे कहा, हमने 500 से अधिक चेक डैम बनाए हैं। फिर भी अगर वे अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते हैं, तो मैं कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य हो जाऊँगी।
बारिश और जल-जमाव की स्थिति पर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए ममता ने कहा, सिर्फ छह घंटों में हम शहर का पानी निकालने में सक्षम हुए। लंदन से लेकर दिल्ली तक हर बड़े शहर में अगर भारी वर्षा हो तो संभलने में समय लगता है। हम लाशों पर राजनीति नहीं करते। विपक्ष की बार-बार मुकदमा करने की प्रवृत्ति पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, बूमरैंग किसे कहते हैं, यह वे समझते नहीं।
जीएसटी कटौती पर की केंद्र की आलोचना
सिर्फ पानी ही नहीं, अर्थव्यवस्था के प्रसंग में भी मुख्यमंत्री ने आवाज उठायी। उन्होंने कहा था कि जीएसटी के कारण राज्य को 20 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। जीवन बीमा पर जीएसटी लगाने का विरोध करते हुए उन्होंने सवाल किया, एक हाथ से दोगे और दूसरे हाथ से छीन लोगे, क्या इसे बीमा कहते हैं? उनका कहना था कि बीमा कंपनियों को प्रीमियम बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे आम लोग ही प्रभावित होंगे।