कोलकाता: सोमवार से देशभर में नयी जीएसटी दरें लागू हो चुकी हैं, जिससे कई आवश्यक सेवाओं और उत्पादों की कीमतों में कमी आयी है लेकिन इसके बावजूद बाजार में अब भी कई दुकानदार पुराने एमआरपी पर ही सामान बेच रहे हैं। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार लोगों के हित के लिए जीएसटी कटौती पर जल्द से जल्द एक नया रेट चार्ट लाएगी।
सोमवार शाम को खिदिरपुर 25 पल्ली दुर्गा पूजा मंडप के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती का वास्तविक श्रेय केंद्र सरकार को नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल को मिलना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा से जीएसटी हटाने की मांग सबसे पहले उन्होंने ही उठायी थी और इसके लिए कई बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखे थे।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अब इस फैसले का क्रेडिट ले रही है, जबकि इसकी पहल राज्य सरकार ने की थी। ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी दरों में कटौती के कारण राज्य को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार पहले से ही मनरेगा, ग्रामीण आवास, जल योजना, सड़क निर्माण और शिक्षा योजनाओं का पैसा रोककर बैठी है, जिसके चलते बकाया लगभग 1.92 लाख करोड़ रुपये है।
अब इस जीएसटी बदलाव से और बड़ा नुकसान हो रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य सरकार इस बदलाव का समर्थन कर रही है क्योंकि इससे आम जनता को राहत मिलेगी। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि जब नुकसान राज्यों को हो रहा है, तब केंद्र सरकार क्यों और कैसे इसका श्रेय ले रही है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही एक विस्तृत जीएसटी रेट चार्ट जारी करेगी, ताकि आम लोग जान सकें कि किस वस्तु पर नयी दरें लागू हैं और दुकानदार उन्हें पुरानी कीमत पर ठग न सकें। केंद्र की ‘डबल इंजन’ सरकार पर तंज कसते हुए ममता ने कहा, यह नुकसान सिर्फ बंगाल का नहीं है, बाकी राज्यों को भी भुगतना पड़ेगा। हमें 'आत्मनिर्भरता' पर उपदेश देने से पहले कृपया हमारा बकाया भुगतान करें।