कोलकाता: तेरे बाप का भी मैं ऐसे ही साथी था... उसे लेकर घूमा, चुपकर होकर बैठ जा। अब इस बात पर तो हंगामा मचना तय ही था। ये बात किसी और ने नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भरी संसद में सबके सामने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे व बीजेपी सांसद नीरज शेखर सिंह की ओर देखकर चिल्लाते हुए कहा।
दरअसल बीते सोमवार यानि दिन 3 फरवरी को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर संसद में चर्चा हुई। इस दौरान राज्यसभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद मल्लिकार्जुन खरगे का एक अलग ही रूप देखने को मिला। अपने भाषण के दौरान ही वे बीजेपी के एक नेता पर आग-बबूला हो गए और उन्हें भरी संसद में खरी-खरी सुनाते हुए उनके बाप पर पहुंच गए और चुप बैठने की बात कह दी।
संसद में हंगामा का क्या है पूरा मामला?
दरअसल राज्यसभा में डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे बोल रहे थे। तभी बीजेपी सांसद नीरज शेखर ने बीच में टोकते हुए उन्हें कुछ बोल दिया। इसके मल्लिकार्जुन खड़गे गुस्सा हो गए और तेज आवाज में फटकार लगाते हुए कहा कि तेरे बाप का भी मैं ऐसे ही साथी था। उसे लेकर घूमा... चुप, चुप, चुप बैठ... चुप बैठ।
खरगे के इस बयान के बाद तो संसद में हंगामा मचना तय था। हालांकि, राज्यसभा स्पीकर व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बीच बचाव के बाद मामला शांत हुआ। वैसे चलिए अब आपको बताते हैं कि नीरज शेखर कौन हैं और कब वे राजनीति में आए?
नीरज शेखर सिंह अपने पिता की तरह एक राजनेता है। उन्होंने 2 बार लोकसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के सदस्य के रूप में राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वे 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और फिर से राज्यसभा सांसद बन गए।
पिता के मरने के बाद राजनीति में आए
29 दिसंबर, 2007 को पिता चंद्रशेखर की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में बलिया निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब उन्हें 2 लाख 95 हजार से अधिक वोट मिले। जबकि साल 2009 में, वे उसी निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए। हालांकि, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, फिर सपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। लेकिन, 15 जुलाई, 2019 को समाजवादी पार्टी छोड़ दी और साथ ही साथ राज्यसभा सांसद के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। तब भाजपा ने उन्हें राज्यसभा से सांसद बना दिया। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। हालांकि, उन्हें सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्हें भाजपा ने राज्यसभा भेज दिया।