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बरानगर में भाजपा की 'परिवर्तन सभा' के दौरान भारी बवाल

टीएमसी और भाजपा समर्थकों में झड़प, सजल घोष का घेराव

निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बरानगर: उत्तर 24 परगना जिले के बरानगर नगरपालिका अंतर्गत 12 नंबर वार्ड के मोतीलाल मल्लिक लेन इलाके में सोमवार की रात उस समय रणक्षेत्र जैसी स्थिति बन गई, जब भाजपा की 'परिवर्तन सभा' के दौरान सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के बीच हुई तीखी बहस, नारेबाजी और धक्का-मुक्की के कारण इलाके में लंबे समय तक तनाव बना रहा।

विवाद की शुरुआत: 'बाहरी' बनाम 'स्थानीय'

मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा द्वारा आयोजित इस सभा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे थे। कार्यक्रम अभी चल ही रहा था कि स्थानीय तृणमूल पार्षद संचिता दे के नेतृत्व में दर्जनों टीएमसी कार्यकर्ता वहां पहुँच गए। तृणमूल समर्थकों ने आरोप लगाया कि सभा में आए अधिकांश लोग 'बाहरी' हैं और वे इलाके की शांति भंग करने के उद्देश्य से वहां जुटे हैं। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने 'गो बैक' के नारे लगाने शुरू कर दिए, जिसके जवाब में भाजपा समर्थकों ने भी जय श्री राम और अपनी पार्टी के समर्थन में नारेबाजी की। देखते ही देखते दोनों गुट आमने-सामने आ गए और स्थिति हाथापाई तक पहुँच गई।

सजल घोष के पहुँचते ही बढ़ा तनाव

विवाद उस समय चरम पर पहुँच गया जब भाजपा के कद्दावर नेता सजल घोष सभा स्थल पर पहुँचे। सजल घोष को देखते ही तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और काले झंडे दिखाने व विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके जवाब में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी सुरक्षा घेरा बनाने की कोशिश की, जिससे स्थिति और अधिक विस्फोटक हो गई। सजल घोष ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे "लोकतंत्र की हत्या" और विपक्षी आवाज़ को दबाने की कोशिश करार दिया।

नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप

  • भाजपा नेता सजल घोष: उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से डर गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की मौजूदगी में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने की कोशिश की गई।

  • तृणमूल नेता अमिताभ चक्रवर्ती: दूसरी ओर, तृणमूल नेता अमिताभ चक्रवर्ती ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा जानबूझकर उत्तेजक बयानबाजी कर इलाके का माहौल खराब कर रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा बाहर से गुंडे लाकर स्थानीय लोगों को डराने की कोशिश कर रही थी, जिसका विरोध आम जनता ने किया।

भारी पुलिस बल की तैनाती

घटना की सूचना मिलते ही बरानगर थाने की विशाल पुलिस वाहिनी मौके पर पहुँची। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों गुटों को अलग किया और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इलाके में काफी देर तक रुक-रुक कर नारेबाजी होती रही। किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए सोमवार देर रात तक इलाके में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन राजनीतिक पारा काफी चढ़ा हुआ है।

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