कोलकाता: युवाभारती क्रीड़ांगन में लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान हुई भारी अव्यवस्था के बाद जब हर ओर सवाल उठ रहे हैं, तब एक नाम खास तौर पर चर्चा में है—मदन मित्र। वजह साफ है, 2011 में जब मेस्सी पहली बार कोलकाता आए थे, तब राज्य के खेल मंत्री मदन मित्र ही थे और उस समय साल्टलेक स्टेडियम में आयोजित फीफा फ्रेंडली मैच बिना किसी बड़े विवाद के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था।
इसी पृष्ठभूमि में मौजूदा युवाभारती अव्यवस्था को लेकर जब मदन मित्र से सवाल किया गया कि उनके कार्यकाल में ऐसी स्थिति क्यों नहीं बनी थी और इस बार क्यों हालात बेकाबू हो गए, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था। उन्होंने बेहद संक्षेप में कहा, “इस मुद्दे पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।” उनकी यह चुप्पी अब राजनीतिक और खेल गलियारों में कई अर्थों में देखी जा रही है।
कुछ इसे पार्टी अनुशासन से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि यह मौन अपने आप में मौजूदा आयोजन व्यवस्था पर एक मौन टिप्पणी है। फुटबॉल प्रेमियों के बीच भी यह सवाल उठ रहा है कि अगर 2011 में बेहतर समन्वय और अनुशासन संभव था, तो अब क्यों नहीं।
मदन मित्र का नाम आज भी उस दौर से जुड़ा है जब मेस्सी का कोलकाता दौरा शहर के लिए गर्व का क्षण बना था। ऐसे में युवाभारती की अव्यवस्था पर उनकी खामोशी कई अनकहे सवालों को जन्म दे रही है।