कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने गुरुवार को हुए मंत्रिमंडल की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को उद्योग का दर्जा प्रदान कर दिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने पर्यटन को यह मान्यता दी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम राज्य में औद्योगिक विकास की नई दिशा खोलेगा।
नवान्न सूत्रों के अनुसार, ताजपुर–डानकुनी–रघुनाथपुर आर्थिक कॉरिडोर के आसपास लगभग 200 एकड़ भूमि उद्योगों की स्थापना के लिए चिह्नित करने की योजना है। ऑनलाइन खरीदारी, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और आधुनिक कारोबारी जरूरतों के चलते लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां राज्य में अपना कार्यक्षेत्र लगातार विस्तार कर रही हैं। ऐसे में लॉजिस्टिक्स पार्क की आवश्यकता और बढ़ गई है। इन पार्कों में एक ही जगह पर माल का परिवहन, भंडारण, पैकेजिंग और वितरण संभव होता है, जिससे समय और लागत की बचत होती है और व्यापारिक गतिविधियां तेज़ होती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, भौगोलिक स्थिति, समुद्री बंदरगाह, रेल और सड़क संपर्क के कारण पूर्वी भारत में लॉजिस्टिक्स हब विकसित करने के लिए पश्चिम बंगाल सबसे उपयुक्त राज्य है। इससे न केवल निवेश में वृद्धि होगी बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लॉजिस्टिक्स को उद्योग का दर्जा मिलने से कर में छूट, प्रशासनिक सहूलियत और तेज़ बुनियादी ढांचा विकास संभव होगा। इसका लाभ बड़े उद्योगों के साथ-साथ छोटे और मझोले व्यवसायों को भी मिलेगा।
औद्योगिक क्षेत्र ने पहले ही इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि पश्चिम बंगाल पूर्वी भारत में एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है। साफ है, यह कदम राज्य की औद्योगिक नीति के साथ-साथ दीर्घकालिक आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।