कोलकाता:: 23 सितंबर की शाम कोलकाता की सड़कों पर बारिश ने कोहराम मचा दिया। तेज़ बारिश और जलजमाव के चलते शहर की रफ्तार थम गई। ऑफिस से लौटते हजारों लोग रास्तों में फँस गए। लेकिन इसी मुश्किल घड़ी में कोलकाता ने एक बार फिर दिखा दिया कि क्यों इसे 'सिटी ऑफ जॉय' कहा जाता है।
सोशल मीडिया पर आम लोगों ने मदद के लिए दिल खोल दिए। कोई होटल या लॉज नहीं, बल्कि आम घरों के दरवाज़े खुल गए – इंसानियत के नाम पर। बालीगंज स्टेशन के पास रहने वाली शिक्षिका संगीता मित्रा ने फेसबुक पर पोस्ट किया – अगर कोई अपने घर नहीं लौट पा रहा है, तो मेरे घर पर सुरक्षित रुक सकता है। खाना और जगह दोनों उपलब्ध हैं। उनकी इस पोस्ट ने कई लोगों को राहत दी।
चिनार पार्क के निवासी और पेशे से प्रोफेशनल कौशिक चक्रवर्ती ने लिखा कि वे अपने घर में कम से कम 6 अनजान लोगों को ठहराने और खाना खिलाने के लिए तैयार हैं। इसी तरह बाघा यतीन के छोटे व्यवसायी दुर्जय बसु ने भी लोगों के लिए अपने घर के दरवाज़े खोल दिए। उन्होंने कहा – हम आम लोग हैं, लेकिन इस मुश्किल वक्त में एक-दूसरे का सहारा बन सकते हैं।
इन सभी नेकदिल लोगों ने सोशल मीडिया पर न केवल अपना पता और मोबाइल नंबर साझा किया, बल्कि हर प्रकार की मदद देने का भरोसा भी दिया। और इस तरह जब प्रकृति ने शहर को रोका, तब कोलकाता के नागरिकों ने इंसानियत को आगे बढ़ाया। कोलकाता ने फिर दिखाया – मुश्किलों में भी दिल धड़कता है, सबके लिए।