केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : काली पूजा और प्रकाशोत्सव की रात कोलकाता की हवा जहरीली हो गई। सोमवार रात शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुँच गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी मानी जाती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, टॉलीगंज, कसबा, बेहाला और साल्ट लेक इलाकों में रात 10 बजे के बाद AQI 315 से 340 के बीच दर्ज हुआ। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “लोगों से लगातार अपील की गई थी कि पटाखे न जलाएँ, लेकिन कई जगहों पर नियमों का पालन नहीं हुआ। हवा में कणीय पदार्थों की मात्रा बढ़ने से सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन जैसी शिकायतें सामने आई हैं।”
नियमों की अनदेखी ने हालात को और बिगाड़ा
त्योहारी उल्लास के बीच प्रदूषण नियंत्रण के निर्देशों की खुलेआम अनदेखी हुई। कुछ बाजारों में देर रात तक पटाखे बिकते रहे और कई मोहल्लों में अवैध रूप से आतिशबाजी हुई। डॉ. अनिरुद्ध सेनगुप्ता, पल्मोनरी मेडिसिन विशेषज्ञ, ने कहा, “यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और दमा के रोगियों के लिए अत्यंत खतरनाक है। कणीय पदार्थ (PM 2.5) फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं और कई दिनों तक हवा में बने रहते हैं।” अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, सोमवार रात आपातकालीन वार्डों में सांस फूलने और एलर्जी की शिकायतों के मामलों में 25% की वृद्धि दर्ज हुई।
स्वच्छ हवा के लिए जरूरी त्वरित कदम
राज्य पर्यावरण विभाग ने बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। अगले 48 घंटों तक वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखी जाएगी। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन तपन चटर्जी ने कहा, “शहर में बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। हम स्रोतों की पहचान कर रहे हैं और जिम्मेदार स्थलों पर कार्रवाई की जाएगी।” पर्यावरणविद् मौसमी विश्वास का सुझाव है, त्योहारी मौकों पर पटाखों के बजाय दीप सज्जा और पर्यावरण हितैषी तरीकों को अपनाने से शहर की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखा जा सकता है।”