पेमा खांडू दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए 
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खांडू ने किया दलाई लामा को भारत रत्न देने का समर्थन

केंद्र सरकार को पत्र लिखकर करेंगे सिफारिश

नयी दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि दलाई लामा को भारत रत्न प्रदान किया जाना चाहिए और वे तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु को भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिए जाने की सिफारिश करने के वास्ते केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे।

दलाई लामा के चयन के लिए चीन के पास कोई अधिकार नहीं

खांडू ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि अगले दलाई लामा के चयन के लिए चीन के पास कोई अधिकार नहीं है क्योंकि तिब्बती बौद्ध धर्म का पालन मुख्य भूमि चीन में नहीं बल्कि तिब्बत और भारत के हिमालयी क्षेत्रों में किया जाता है। दलाई लामा को भारत रत्न दिये जाने के पक्ष में सांसदों के एक समूह के अभियान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह दलाई लामा ही थे जिन्होंने ‘नालंदा स्कूल ऑफ बुद्धिज्म’ का प्रचार और विस्तार किया।

आठवीं शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय से कई गुरु तिब्बत गये

खांडू ने कहा कि आठवीं शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय से कई गुरु तिब्बत गये। उस समय तिब्बत में ‘बोन’ धर्म था। ‘बोन’ धर्म और ‘बौद्ध’ धर्म के सम्मिश्रण से तिब्बती बौद्ध धर्म की अवधारणा का उदय हुआ और इस प्रकार बौद्ध धर्म पूरे तिब्बत में फैला। उन्होंने कहा कि तिब्बती बौद्ध धर्म की अवधारणा हिमालय क्षेत्र में लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली। चौदहवें दलाई लामा को 1959 में तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद भारत भागने पर मजबूर होना पड़ा था। तब से वे अन्य निर्वासित तिब्बतियों के साथ हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं।

दलाई लामा तिब्बत की सभी पुरानी बौद्ध परंपराएं भारत लाये

खांडू ने कहा कि दलाई लामा उस समय तिब्बत में मौजूद सभी बड़े मठों की परंपराएं, शाक्य जैसी विभिन्न परंपराएं, तिब्बत में मौजूद सभी पुरानी बौद्ध परंपराएं भारत लाये। उन्होंने विभिन्न स्थानों विशेषकर दक्षिण भारत में संस्थान स्थापित किये। उन्होंने कहा कि इन मठों से भारतीय हिमालयी क्षेत्र के बौद्धों को काफी लाभ हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जल्द ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर दलाई लामा के नाम की सिफारिश भारत रत्न के लिए करेंगे। अतीत में विदेशी मूल की तीन प्रमुख हस्तियों मदर टेरेसा (1980), अब्दुल गफ्फार खान (1987) और नेल्सन मंडेला (1990) को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।

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